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साढ़े 06 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सर्वश्रेष्ठ स्थिति में: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज योजना भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े 06 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज योजना भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े 06 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश की कुल GDP ₹16.45 लाख करोड़ थी, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में ₹22.58 लाख करोड़ से अधिक हो गई है। राष्ट्रीय आय में उत्तर प्रदेश 9.2% का योगदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।

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उन्होंने कहा, वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रचलित भावों पर उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 20.1% रही, जबकि देश की विकास दर 18.4% रही। स्थायी भावों पर राष्ट्रीय वृद्धि दर 9.1% रही, जबकि प्रदेश में 9.8% की वृद्धि दर दर्ज की गई। इसी प्रकार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थायी भावों पर राष्ट्रीय वृद्धि दर 7.2% रही, जबकि प्रदेश में 9.8% की वृद्धि दर दर्ज की गई और प्रचलित भावों पर प्रदेश की वृद्धि दर 14.3% रही।

साथ ही कहा, वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश की GDP ₹25.55 लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। वर्ष 2027 तक प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे। अपने कार्यों की और बेहतर प्लानिंग करनी होगी। सभी को मिलकर, सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करने होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, अर्थव्यवस्था के प्राथमिक सेक्टर में सुधार के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया है। डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। गन्ना के अंतर्गत क्षेत्रफल तथा उत्पादन के वर्ष 2021-22 के आंकड़ों में 26.8% तथा औद्यानिक फसलों के उत्पादन में 31.9% की वृद्धि हुई है। दलहन तथा तिलहन में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश प्रायोजित स्कीमों के क्रियान्वयन के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश पुनः शीर्ष स्थान पर है। वार्षिक प्रगति दर 12.80% के साथ अंडा उत्पादन में सर्वाधिक प्रगति करने वाला उत्तर प्रदेश, तीसरा राज्य है। द्वितीयक सेक्टर में इंडस्ट्रियल पावर कंजप्शन में 17% की वृद्धि हुई है। औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों का सर्वेक्षण करें तथा अप्रयुक्त प्लॉटों का चिह्नीकरण करें। नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना हो रही है। प्लेज पार्क 10 स्थानों पर स्थापित किए जा रहे हैं।

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साथ ही कहा, होटल/रेस्तरां, ट्रांसपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस, लोक सेवा, रक्षा व अन्य सेवाओं वाले तृतीयक खंड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की वर्ष 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश पर्यटकों का पसंदीदा प्रदेश बन गया है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 31.8 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ। वाराणसी, मथुरा और श्री अयोध्या जी इसके प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं। प्रदेश में आने वाले दिनों में इसमें उत्तरोत्तर विकास सुनिश्चित है।

वर्ष 2023-24 की प्रथम छमाही में वर्ष 2022-23 की प्रथम छमाही की तुलना में उत्तर प्रदेश में कुल पंजीकृत वाहनों का भारत में अंश 14.1 प्रतिशत से बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 में पंजीकृत कॉमर्शियल वाहनों में 47% की वृद्धि रही। इसे और बढ़ाने के नीतिगत प्रयास किए जाने चाहिए। प्रदेश की बेहतर ब्रांडिंग, व्यापार अनुकूल माहौल और निर्यात प्रोत्साहन के प्रयासों का ही परिणाम है कि वर्ष 2017-18 में निर्यात जहां मात्र ₹89 हजार करोड़ था, वह आज बढ़कर ₹1.74 लाख करोड़ हो गया है। प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 में जहां 6.2% थी, आज 2.4% रह गई है। महिला श्रम बल में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यह वर्ष 2017-18 में 13.5% था, जो वर्ष 2022-23 में 31.2% तक पहुंच गया है:

मुख्यमंत्री ने कहा, फार्मा इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, रिसर्च लैब और इंडस्ट्री, तीनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की जानी चाहिए। यह संस्थान मूलतः शोध और नवाचार पर केंद्रित होगा। साथ ही, सेक्टर से संबंधित अन्य संस्थानों व इंडस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा।

 

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