भारतीय जीवन शैली में भोजन श्रृंखला में आदर्श भोजन की थाली में रोटी का महत्वपूर्ण स्थान है। रोटी भारतीय थाली का प्रतीक है।
Vastu Shastra: भारतीय जीवन शैली में भोजन श्रृंखला में आदर्श भोजन की थाली में रोटी का महत्वपूर्ण स्थान है। रोटी भारतीय थाली का प्रतीक है। रोटी बनाने के लिए लिए पहले आटे को गूंथने पड़ता है। इसके बाद इसे आग में सेंकना पड़ता है। सनातन धर्म भोजन निर्माण के लिए कुछ नियम बनाये गए है। वास्तु शास्त्र में भोजन निर्माण से लेकर उसको परोसने के नियम बताए गए है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। इसलिए रसोई में पवित्रता और नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। वास्तुशास्त्र में ऐसी मान्यता है कि आटा गूंथने (Kneading Flour) का तरीका आपको धनवान बना सकता है या धन की हानि भी करवा सकता है आइये आज जानते है रसोई में आटा गूंथने के नियमों के बारे में ।
1.वास्तु नियमों के अनुसार आटा गूंथने के लिए हमेशा तांबे के बर्तन में पानी लेना चाहिए। तांबे के पात्र या बर्तन में रखा पानी हमेशा शुद्ध माना जाता है। तांबे को भी सबसे शुद्ध धातु माना जाता है। जिसमें रखे पानी से आटा गूंथने से घर में बरकत आती है, ऐसी मान्यता है।
2.जितनी जरूरत हो उतना ही आटा गूंथें। बहुत लोग बचे हुए आटे को फ्रिज में रख देते हैं, जो कि वास्तु नियमों के अनुसार उचित नहीं है। बासी आटे से बनी रोटी से सेहत पर असर पड़ता है, साथ में इससे दरिद्रता भी आती है।
3.आटा गूंथने के बाद बचे हुए पानी को व्यर्थ न फेंके, इस पानी को पेड़ पौधों में डालें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
4.आटा गूंथने के बाद उस पर उंगलियों से निशान जरूर करें, ताकि आटे के पिंड के समान न लगें। मान्यता के अनुसार,आटे के पिंड का इस्तेमाल पितरों के लिए किया जाता है।