वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की मंशा पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि रिजिजू ने यूपीए सरकार को लेकर जितनी भी बातें कहीं, वह पूरा का पूरा झूठ है। उन्होंने कहा कि हम डिमांड करते हैं कि वे इसे ऑथेंटिकेट करें।
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की मंशा पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि रिजिजू ने यूपीए सरकार को लेकर जितनी भी बातें कहीं, वह पूरा का पूरा झूठ है। उन्होंने कहा कि हम डिमांड करते हैं कि वे इसे ऑथेंटिकेट करें। साथ ही इस विधेयक को उन्होंने संविधान के मूल ढांच पर आक्रमण बताते हुए कहा कि इनका पूरा भाषण हमारे संघीय ढांचे पर आक्रामण था। इनका उद्देश्य है भ्रम फैलाना, समाज को बांटना। आज ये अल्पसंख्यकों के प्रति संवेदना जता रहे हैं। कुछ दिन पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने ईद की शुभकामनाएं दीं और इनकी डबल इंजन सरकारों ने लोगों को नमाज तक नहीं पढ़ने दीं।
गौरव गोगोई ने कहा कि लोकसभा में आपके कितने MP अल्पसंख्यक हैं? आज एक समाज के अल्पसंख्यकों की जमीन पर इनकी नजर है, कल दूसरे समुदायों के जमीन पर इनकी नजर जाएगी। इस बिल से कानूनी मसले और बढ़ेंगे। ये चाहते हैं कि अलग अलग केस चलें। भाईचारे के वातावरण को ये तोड़ना चाहते हैं। यही इनका राजनीतिक उद्देश्य है।
साथ ही कहा, मैं ये पूछना चाहता हूं कि ये बिल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बनाया कि किसी और विभाग ने बनाया है? यह बिल कहां से आया?…आज देश में अल्पसंख्यकों की हालत ऐसी हो गई है कि आज सरकार को उनके धर्म का प्रमाण पत्र देना पड़ेगा…क्या वे दूसरे धर्मों से प्रमाण पत्र मांगेंगे कि आपने पांच साल पूरे किए हैं या नहीं? इस बिल में ऐसा क्यों पूछा जा रहा है? सरकार धर्म के इस मामले में क्यों दखल दे रही है?
उन्होंने आगे कहा कि, ये सरकार उस कौम पर दाग लगाना चाहती है, जिसने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, जिन्होंने मंगल पांडे जी के साथ शहादत दी, जिसके 2 लाख से ज़्यादा उलेमा शहीद हुए, जिसने गांधी जी के दांडी मार्च का समर्थन किया, जिन्होंने 1926 में अंग्रेजों के ‘डिवाइड एंड रूल’ का विरोध किया। साथ ही कहा, जब RSS के लोग ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का विरोध कर रहे थे और माफीनामा लिख रहे थे, तब ये कौम देश के लिए लड़ाई लड़ रही थी।