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वक्फ संशोधन विधेयक मंज़ूर नहीं, संयुक्त संसदीय समिति एक धोखा थी : मौलाना कल्बे जवाद नक़वी

मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी (Majlis Ulema-e-Hind General Secretary Maulana Syed Kalbe Jawad Naqvi) ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के गठन के तुरंत बाद हमने कहा था कि यह समिति केवल धोखा देने के लिए है और हमारी बात सच साबित हुई।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ: संयुक्त संसदीय समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किये जाने की कड़ी निंदा की है।  मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी (Majlis Ulema-e-Hind General Secretary Maulana Syed Kalbe Jawad Naqvi) ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के गठन के तुरंत बाद हमने कहा था कि यह समिति केवल धोखा देने के लिए है और हमारी बात सच साबित हुई।

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मौलाना ने कहा कि जिस तरह से संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) ने मनमाने ढंग से बैठकें कीं और सरकार के समर्थकों को विधेयक पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था, उससे पता चल रहा था कि औक़ाफ़ पर सरकार की नियत ठीक नहीं है। मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर अपना पक्ष रखने के लिए अक्सर उन्हीं लोगों को बुलाया गया जिन्हे पद की लालच थी। जो क़ौम का प्रतिनिधित्व करने की बजाय सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। शिया वक़्फ़ पर पक्ष रखने के लिए किसी प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उलेमा और राष्ट्रीय संगठनों की ओर से पेश किये गये प्रस्तावों को पढ़ने की भी ज़हमत नहीं की गयी, क्योंकि ये कमेटी सिर्फ धोखा देने के लिए बनाई गई थी।

मौलाना ने कहा कि सरकार सभी वक्फ संपत्तियों को अपने कब्ज़े में लेना चाहती है। सरकार नुज़ूल को समझे बिना औक़ाफ़ पर कब्ज़ा करने की योजना बना रही है। जिन लोगों ने अंग्रेज़ों का विरोध किया उनकी संपत्तियां नुज़ूल में दर्ज कर दी गईं थी, क्या हमें देशभक्त होने की सज़ा मिल रही है? ये कांग्रेस की ज़िम्मेदारी थी कि वो वक़्फ़ संपत्ति को नुज़ूल से बाहर कर वक़्फ़ में दर्ज कराने का काम करती, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। जहां तक बीजेपी की बात है तो वह कांग्रेस की नीतियों को आगे बढ़ा रही है और इस मामले में बी.जे.पी कांग्रेस की शिष्य है। मौलाना ने कहा कि इस मामले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) का पूरा समर्थन करते हैं और उनके हर आंदोलन में शामिल रहेंगे, इंशाअल्लाह, जल्द ही आंदोलन शुरू होगा। जो भी वक्फ बचाओ आंदोलन (Waqf Bachao Andolan) में शामिल नहीं होगा, वह क़ौम का गद्दार कहलाएगा।

मौलाना ने आगे कहा कि यह बिल हमारे औक़ाफ़ पर कब्ज़ा करने की एक सुनियोजित साजिश है। हमारी क़ौम को इस बारे में आगे आना होगा ताकि औक़ाफ़ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मौलाना ने कहा कि हमें यह बिल हरगिज़ मंजूर नहीं है क्योंकि यह वक़्फ़ बिल नहीं बल्कि सांप का बिल है जो औक़ाफ़ को डसने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि ज़्यादातर मौलवी और क़ौमी लीडर इस बिल पर चुप हैं। उन्हें चाहिए कि वो वक़्फ़ की रक्षा के लिए आगे आएं ताकि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित बनाया जा सके। जो लोग पद के लालच में इस बिल का समर्थन कर रहे हैं वो क़ौम के प्रति ईमानदार नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक दल भी मुसलमानों के प्रति ईमानदार नहीं हैं, इसलिए उन पर भरोसा न किया जाय, मुसलमानों को वक़्फ़ की रक्षा के लिए खुद आगे आना होगा।

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