Dhanteras 2024 : आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला यह पर्व खुशहाली, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस तिथि को आयुर्वेद के प्रवर्तक धन्वंतरि जी प्रकट हुए थे। धनतेरस दो शब्दों- धन और तेरस से मिलकर बना है, जिसके धन शब्द का अर्थ संपत्ति और समृद्धि है, जबकि तेरस का अर्थ पंचांग की तेरहवीं तिथि है।
Dhanteras 2024 : आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला यह पर्व खुशहाली, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस तिथि को आयुर्वेद के प्रवर्तक धन्वंतरि जी प्रकट हुए थे। धनतेरस दो शब्दों- धन और तेरस से मिलकर बना है, जिसके धन शब्द का अर्थ संपत्ति और समृद्धि है, जबकि तेरस का अर्थ पंचांग की तेरहवीं तिथि है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की उपासना की जाती है। ज्योतिर्विदों के अनुसार, धन त्रयोदशी की तिथि 29 अक्टूबर यानी आज सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 30 अक्टूबर यानी कल दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। इस दौरान प्रदोष काल आज शाम 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहने वाला है। आज धनतेरस पर सायंकाल में पूजन का मुहूर्त शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। यानी धनतेरस के पूजन के लिए 1 घंटा 42 मिनट का समय मिलेगा।
इसके अलावा, धनतेरस पर आज त्रिपुष्कर योग बन रहा है, जिसमें खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। आज खरीदारी का पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त- आज दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। गोधूली बेला शाम 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी।
शास्त्रकार का मानन है कि धनतेरस पर जो भी वस्तु दिन खरीदी जाती है वह घर में समृद्धि और धन का आगमन करने वाली होती है। इस दिन सोना खरीदना, चांदी के बर्तन खरीदना, गहने खरीदना या अन्य कीमती सामान खरीदने का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं, कुछ लोग धनतेरस पर नए वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, नए उपकरण, संपत्ति या अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। लेकिन, लोहा खरीदसे से बचना चाहिए।
धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। इस दिन किसी से कर्ज न लें और न ही किसी को कर्ज दें। इस दिन अशुद्ध स्थानों पर पूजा नहीं करनी चाहिए और इसके साथ ही क्रोध और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहना चाहिए। इस दिन यमराज के लिए जिस घर में दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और 13 ही दीप घर के अंदर जलाने चाहिए। मुख्य दीपक रात को सोते समय जलाया जाता है।