पुष्पा 2 के प्रीमियर के दौरान 4 दिसंबर को संध्या थिएटर भगदड़ मामले में एक महिला की मौत के बाद अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्हें तेलंगाना हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी थी। अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी के बाद अब एक नई तरह की बहस छिड़ गई है। दरअसल, लोगों का कहना है कि, अगर भगदड़ के बाद अल्लू अर्जुन पर कार्रवाई हो सकती है तो यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
लखनऊ। पुष्पा 2 के प्रीमियर के दौरान 4 दिसंबर को संध्या थिएटर भगदड़ मामले में एक महिला की मौत के बाद अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्हें तेलंगाना हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी थी। अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी के बाद अब एक नई तरह की बहस छिड़ गई है। दरअसल, लोगों का कहना है कि, अगर भगदड़ के बाद अल्लू अर्जुन पर कार्रवाई हो सकती है तो यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। सोशल मीडिया पर लोग इस सवाल को उठा रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, तेलंगाना में ‘पुष्पा 2’ के प्रीमियर के दौरान भगदड़ मचने के बाद एक महिला की जान चली गयी थी। इस मामले में अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अल्लू अर्जुन के मामले की तुलना हाथरस में हुए धार्मिक आयोजन में हुई भगदड़ से कर रहे हैं।
हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रम में भगदड़ मच गयी थी। भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गयी थी। इस मामले में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। एसआईटी ने भी मामले की जांच की थी लेकिन भोले बाबा को क्लीन चीट दे दी थी। इसको लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आवाज भी उठाया था।
मायावती ने एक्स पर लिखा था कि, यूपी के हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है। लेकिन एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद है।
बसपा प्रमुख ने आगे लिखा-इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है। साथ ही उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।