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यूपी की सियासत में दलित वोटर्स का नया वारिस कौन? चंद्रशेखर आज़ाद बोले- माया के नेतृत्व में बसपा हुई कमजोर और बहुजन हितों की उपेक्षा

यूपी विधानसभा चुनाव 2027 (UP Assembly Elections 2027) से पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस बार चुनावी मुकाबला रोचक बनता नजर आ रहा है। बहुजन हितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) पर सीधा निशाना साधा है।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव 2027 (UP Assembly Elections 2027) से पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस बार चुनावी मुकाबला रोचक बनता नजर आ रहा है। बहुजन हितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) पर सीधा निशाना साधा है। झांसी में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन (Prabuddha Varg Sammelan) में चंद्रशेखर ने न सिर्फ बसपा (BSP) को कठघरे में खड़ा किया बल्कि भाजपा (BJP) पर भी तीखा प्रहार किया है।

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यूपी की राजनीति में करीब 20-22 प्रतिशत अनुसूचित जाति मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अभी तक यह वोट बैंक बसपा प्रमुख दावेदार मानी जाती रही है, लेकिन चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) इसे अपने पक्ष में करने के लिए खुलकर मैदान में उतर आए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 (UP Assembly Elections 2027) से पहले ही उन्होंने खुद को बहुजन समाज (Bahujan Samaj) के नए प्रतिनिधि के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है, ठीक उसी तरह जैसे कांशीराम ने 1980 के दशक में बहुजन राजनीति को आकार दिया था।

सम्मेलन में चंद्रशेखर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बहुजन समाज अब मायावती (Mayawati) पर विश्वास नहीं करता। उन्हें एक नए नेतृत्व की तलाश है, जो उनके अधिकारों के लिए ईमानदारी से लड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती (Mayawati) के नेतृत्व में बसपा लगातार कमजोर हुई है और बहुजन हितों की उपेक्षा हुई है। चंद्रशेखर का यह बयान बसपा (BSP)  की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है।

भाजपा (BJP) पर भी चंद्रशेखर ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी की नीतियां हमेशा से वंचित वर्गों को पीछे रखने की रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा (BJP)  बहुजन समाज को ऊपर उठते नहीं देखना चाहती। उसकी रणनीति ही यही रही है कि समाज के कमजोर वर्गों को दबाया जाए। झांसी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बड़ी संख्या में समर्थकों की भीड़ उमड़ी। बताया जा रहा है कि बसपा (BSP) से जुड़े कई पुराने कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए, जिससे बसपा (BSP)  खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। मंच पर चढ़ते ही चंद्रशेखर का जोरदार स्वागत हुआ, जिससे यह संकेत मिला कि उनकी लोकप्रियता दलित युवाओं में तेजी से बढ़ रही है।

लोकसभा चुनाव 2024  (Lok Sabha Elections 2024) में नगीना सीट से मिली जीत के बाद चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) की राजनीतिक स्थिति और मजबूत हुई है। खासकर दलित युवाओं में उनकी लोकप्रियता में तेजी आई है। जमीन से जुड़ी उनकी राजनीति और आक्रामक तेवरों ने उन्हें एक प्रभावी दलित नेता के रूप में स्थापित कर दिया है।

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2027 की तैयारी और रणनीति साफ

चंद्रशेखर ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी यूपी चुनाव  2027 (UP Elections 2027)  में सभी सीटों पर दमखम से लड़ेगी और किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, हम पंचायत से लेकर विधानसभा तक की हर लड़ाई लड़ेंगे और बहुजन समाज को सत्ता में लाकर रहेंगे।

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