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Zealandia 8th Continent : भूवैज्ञानिकों ने खोजा आठवां महाद्वीप, बनाया इसका नक्शा, जानें कितना बड़ा है भू-भाग

Zealandia 8th Continent : जीलैंडिया (Zealandia) मूल रूप से प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना (Ancient Continent Gondwana) का हिस्सा था, जो करीब एक अरब से 54.2 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था। जीलैंडिया (Zealandia) पर सदियों से किसी का ध्यान नहीं गया था। अब भूवैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया और इसका नक्शा बनाया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Zealandia 8th Continent : जीलैंडिया (Zealandia) मूल रूप से प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना (Ancient Continent Gondwana) का हिस्सा था, जो करीब एक अरब से 54.2 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था। जीलैंडिया (Zealandia) पर सदियों से किसी का ध्यान नहीं गया था। अब भूवैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया और इसका नक्शा बनाया है। करीब 375 वर्षों से गायब एक महाद्वीप का हाल ही में वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है। इस महाद्वीप को जीलैंडिया (Zealandia)  कहा जाता है। यह अधिकतर पानी के नीचे है। हालांकि, इसमें न्यूजीलैंड (New Zealand) के समान द्वीपों का एक समूह शामिल है।

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54.2 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था

बता दें, जीलैंडिया (Zealandia)  मूल रूप से प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना (Ancient Continent Gondwana) का हिस्सा था, जो करीब एक अरब से 54.2 करोड़ वर्ष पहले अस्तित्व में था। जीलैंडिया पर सदियों से किसी का ध्यान नहीं गया था। अब भूवैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया और इसका नक्शा बनाया। उन्होंने समुद्र तल से नमूने लेकर उनका अध्ययन किया और आंकड़े जुटाए। इस अध्ययन को टेक्टोनिक्स पत्रिका (Tectonics Magazine) में प्रकाशित किया गया है।

छह गुना बड़ा

रिपोर्ट के अनुसार, जीलैंडिया (Zealandia) एक विशाल महाद्वीप है, जो मेडागास्कर (Madagascar) के आकार से लगभग छह गुना बड़ा है, जो 1.89 मिलियन वर्ग मील या 4.9 मिलियन वर्ग किलोमीटर को कवर करता है। यह खोजा गया आठवां महाद्वीप (8th Continent) है। यह सबसे छोटा और पतला भी है।

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न्यूजीलैंड क्राउन रिसर्च इंस्टीट्यूट जीएनएस साइंस (New Zealand Crown Research Institute GNS Science) के एंडी टुलोक ने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे किसी चीज को स्पष्ट सामने लाने में समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि जीलैंडिया वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण विषय रहा है।

जानें कैसे की गई खोज?

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भूवैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में समुद्र तल से एकत्रित किये गए चट्टानों के नमूनों का उपयोग किया। इससे उन्हें इस महाद्वीप के संरचना और आकार का पता लगाने में मदद मिली। इसकी खोज में लगे भूवैज्ञानिकों ने पश्चिमी अंटार्कटिका में जियोलॉजिकल पैटर्न (Geological Pattern) की स्टडी कर इस महाद्वीप के बारें में जानकारी दी है। साथ ही वैज्ञानिकों ने न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट के पास कैंपबेल पठार के नजदीक सबडक्शन की संभावना जताई है। सबडक्शन वह प्रक्रिया है जब एक समुद्री प्लेट एक महाद्वीपीय प्लेट से टकराती है।

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