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एक आदमी बनना चाहता है ‘सुपरमैन’, मोहन भागवत के इस बयान को विरोधी दल पीएम मोदी से जोड़कर देख रहे हैं , चढ़ा सियासी पारा

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को झारखंड से जो बयान दिया है। उस बयान के विरोधी दल कुछ सियासी मायने निकल रहे हैं। जानकारों की मानें तो आरएसएस चीफ (RSS Chief) भले ही सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन यह बयान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के लिए दिया गया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को झारखंड से जो बयान दिया है। उस बयान के विरोधी दल कुछ सियासी मायने निकल रहे हैं। जानकारों की मानें तो आरएसएस चीफ (RSS Chief) भले ही सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन यह बयान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के लिए दिया गया है। सरसंघचालक ने कहा कि प्रगति का कभी कोई अंत होता। जब हम अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं, तो हम देखते हैं कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।

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उन्होंने कहा कि एक आदमी सुपरमैन बनना चाहता है, फिर एक देव और फिर भगवान। भागवत के तरफ से एक आदमी सुपरमैन बनाने वाले वाक्य पर ही देश का एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस सहित कई विरोधी दल भागवत के इस बयान पर पीएम मोदी (PM Modi)  का  बिना नाम लिये हुए चुटकी ले रहे हैं। कुछ जानकार की मानें तो भागवत का यह बयान हर आदमी के लिए, लेकिन भाजपा के विरोधी दल इसको पीएम मोदी (PM Modi) से जोड़कर देख रहे हैं।

RSS चीफ ने बयान में क्या कहा?

बता दें कि RSS प्रमुख पिछले एक सप्ताह से झारखंड में हैं। तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के प्रांत प्रचारकों (क्षेत्रीय प्रमुख) की बैठक में शामिल होने के लिए वह 12 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे थे। 18 जुलाई को वे गुमला जिले के बिशुनपुर में थे, वहां उन्होंने स्वयंसेवी संस्था विकास भारती (Voluntary Organization Vikas Bharti) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की थी, कार्यक्रम को संबोधित भी किया था। भागवत ने कल कहा एक आदमी सुपरमैन बनना चाहता है, फिर एक देव और फिर भगवान। आंतरिक और बाह्य दोनों ही प्रकार के विकासों का कोई अंत नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि बहुत कुछ किया जा चुका है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है। उन्होंने कहा कि लोगों को मानव जाति के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए, क्योंकि विकास और मानव महत्वकांक्षा का कोई अंत नहीं है।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद BJP और RSS आमने-सामने

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लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा (BJP) और आरएसए ( RSS) के बीच कुछ खटास दिख रही है। यह खटास तब शुरू हुई, जब एक चुनावी रैली के दौरान भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda)ने कहा था कि भाजपा (BJP) अब ऐसी पार्टी की बन गई है, उसको अब आरआरएस ( RSS) की उतनी जरूरत नहीं, लेकिन जब लोकसभा चुनाव के नतीजे समाने आए तो भाजपा (BJP)  को काफी नकुसान उठाना पड़ा।

पार्टी बीते दो लोकसभा चुनाव की तुलना में 2024 में सबसे खराब प्रदर्शन किया। BJP की हालत ऐसी हुई, अकेले दम पर पूर्ण बहुमत तक हासिल नहीं कर पाई। लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में हुई भाजपा (BJP)  की वापस को सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ा। हाल ही में ऐसे दो मौके पर आए हैं, जब मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)ने ऐसे बयान दिये हैं, उसमें उन्होंने किसी का नाम तो उल्लेख नहीं किया, लेकिन समय और संदर्भ से लोग यही अनुमान लगा रहे हैं कि पीएम मोदी (PM Modi)  को लक्ष्य करके ये बाते कहीं गई हैं।

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