छत्तीसगढ़ के रायपुर जनपद से एक दिल दहला देने वालो वीडियो सामने आया है। यहां पर गुस्साएं ग्रामीणों और पुलिस के बीच हिसंक झड़प हो गई, जिसके बाद उग्र ग्रामीणों ने पहले पुलिस वालो को जमकर पीटा। भीड़ ने पहले एक महिला दरोगा को लातों और डंडो से जमकर पीटा। महिला दरोगा जब बेहोश हो गई तो भीड़ उसे खीचते हुए ले गए। वहीं एक ट्रक चालक को भी भीड़ ने ट्रक में बांधकर पीट दिया।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के रायपुर जनपद से एक दिल दहला देने वालो वीडियो सामने आया है। यहां पर गुस्साएं ग्रामीणों और पुलिस के बीच हिसंक झड़प हो गई, जिसके बाद उग्र ग्रामीणों ने पहले पुलिस वालो को जमकर पीटा। भीड़ ने पहले एक महिला दरोगा को लातों और डंडो से जमकर पीटा। महिला दरोगा जब बेहोश हो गई तो भीड़ उसे खीचते हुए ले गए। वहीं एक ट्रक चालक को भी भीड़ ने ट्रक में बांधकर पीट दिया। वहीं गांव से निकल रही एक कार को भी ग्रामीणों ने लगा दी। इलाके में अभी भी तनाव का माहौल है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कि गया है।
यह छत्तीसगढ़ है। पुलिस को आगे करके सरकार उनकी जान सांसत में डाल रही है। कोयला खदानों के लिए बेईमान जनसुनवाई के भयावह नतीजे सामने आ रहे हैं। पुलिस का पीटा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। pic.twitter.com/8SWXRdk3mL
— Awesh Tiwari (@awesh29) December 28, 2025
बता दे कि रायगढ़ जनपद के तमनार क्षेत्र में जिंदल पावर लिमिटेड को आवंटित गारे-पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक बनने जा रहा है। इसके खिलाफ बीते 15 दिनों से ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे है। शनिवार को यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस जब धरना दे रहे लोगों को हटाने पहुंची तो प्रदर्शनकारियों पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और एक ट्रक चालक को भी बंधक बना लिया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने तमनार थाना प्रभारी महिला निरीक्षक कमला पुसाम पर भी हमला कर दिया। महिला निरीक्षक को ग्रामीणों पहले लातों और डंडो से पीटा। वहीं महिला निरीक्षक जब बेहोश हो गई तो, ग्रामीण महिला दरोगा को सड़क पर खीचते हुए ले गए। ग्रामीणों का यह हिंसक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि उग्र भीड़ बेकाबू हो गई और तमनार थाना प्रभारी कमला पुषाम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की तो उन पर हमला कर दिया गया। इस झड़प में एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं कुछ ग्रामीणों को भी चोटें आईं है। पुलिस ने लगभग 40 लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले गई है।
जेपीएल कोयला खदान का विरोध कर रहे है ग्रामीण
बता दे कि ग्रामीण जेपीएल के कोयला खदान परियोजना का विरोध कर रहे है। ग्रामीण इस परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे है। इस कारण 15 दिनों से प्रभावित गांवों के सैकड़ों ग्रामीण प्रदर्शन पर बैठे थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जनसुनवाई बिना उचित सूचना और विरोध के बावजूद गुपचुप तरीके से कराई गई। इस कारण किसानों की जमीन, पर्यावरण और आजीविका खतरे में पड़ जाएगी।