HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. बांके बिहारी मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करने पर Allahabad High Court सख्त, तहसीलदार को किया तलब

बांके बिहारी मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करने पर Allahabad High Court सख्त, तहसीलदार को किया तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) के नाम दर्ज जमीन को राजस्व अभिलेखों में पहले कब्रिस्तान और फिर पुरानी आबादी दर्ज करने के मामले को गंभीरता से लिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) के नाम दर्ज जमीन को राजस्व अभिलेखों में पहले कब्रिस्तान और फिर पुरानी आबादी दर्ज करने के मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने तहसीलदार छाता को 17 अगस्त को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है और पूछा है कि शाहपुर गांव के प्लाट 1081की स्थिति राजस्व अधिकारी द्वारा समय – समय पर क्यों बदली गई। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव (Justice Saurabh Srivastava) ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट (Shree Bihari Ji Seva Trust) की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

पढ़ें :- पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत, पर सजा पर लगी रहेगी रोक

याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र (Advocate Raghavendra Prasad Mishra) ने बहस की। इनका कहना है कि प्राचीन काल से ही गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था। भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 2004 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करा लिया।

जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की। प्रकरण वक्फ बोर्ड तक गया और सात सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है। इसके बावजूद जमीन पर बिहारी जी का नाम नहीं दर्ज किया गया। इस पर यह याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने तहसीलदार छाता को व्यक्तिगत रूप से 17 अगस्त को हाजिर होने का आदेश जारी किया है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...