साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन आज अपना 43वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं, अल्लू अर्जुन का जन्म 8 अप्रैल 1982 को चेन्नई में हुआ था अल्लू अर्जुन, एक ऐसा नाम जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं। साउथ से लेकर नॉर्थ और यहां तक कि दुनियाभर में अपनी दमदार एक्टिंग से पॉपुलैरिटी पाने वाले इस सितारे पर न जाने कितने लोग फिदा हैं।
Allu Arjun Birthday Special: साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन आज अपना 43वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं, अल्लू अर्जुन का जन्म 8 अप्रैल 1982 को चेन्नई में हुआ था अल्लू अर्जुन, एक ऐसा नाम जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं। साउथ से लेकर नॉर्थ और यहां तक कि दुनियाभर में अपनी दमदार एक्टिंग से पॉपुलैरिटी पाने वाले इस सितारे पर न जाने कितने लोग फिदा हैं। हालांकि, इस स्टार का दिल तो सिर्फ अपनी पत्नी स्नेहा रेड्डी के लिए धड़कता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि इनकी लाइफ में ऐसी भी स्थिति बनी थी, जो अगर सुलझती नहीं तो अल्लू और स्नेहा की शादी ही नहीं हो पाती? दरअसल, इस सुपरस्टार के स्टारडम और रईस खानदान को देखने के बावजूद स्नेहा के पिता ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। हालांकि, अल्लू ने जिस तरह से पूरी स्थिति को संभाला, वो न सिर्फ उन्हें अपनी लाइफ पार्टनर को पाने में कामयाबी दे गया, बल्कि दूसरों के लिए सीख भी बना।
अल्लू अपने एक रिश्तेदार की शादी में शरीक होने के लिए अमेरिका गए थे। यहीं पर उनकी मुलाकात खूबसूरत स्नेहा रेड्डी से हुई। अल्लू को पहली ही मुलाकात का प्यार हुआ, लेकिन उनकी नंबर एक्सचेंज करने की हिम्मत नहीं हुई। करोड़ों दिलों पर राज करने वाला ये एक्टर शादी में मिली लड़की को अपने दिमाग से नहीं निकाल पा रहा था। आखिर में उन्होंने नंबर ढूंढ ही लिया, जिसके बाद उनके और स्नेहा के बीच चैटिंग शुरू हो गई। इनके बीच की दोस्ती, डेट्स और फिर सीरियस रिलेशनशिप में तब्दील हो गई।
View this post on Instagram
पढ़ें :- Preity Zinta pic: पति संग प्रीति जिंटा ने शेयर की रोमांटिक तस्वीरें, फैंस बोले- 'आप दोनों का रिश्ता सच्चा'
अल्लू के पिता अल्लू अरविन्द को उनके रिश्ते के बारे में पता चला और उन्होंने अपने बेटे से इसके बारे में सख्ती से सवाल किए। एक्टर ने भी अपने रिश्ते को स्वीकारा और जाहिर किया कि वो स्नेहा के लिए कितने सीरियस हैं। यही बात लड़की के पिता कंचरला चंद्रशेखर रेड्डी को भी पता चली, लेकिन उन्होंने अल्लू को रिजेक्ट कर दिया। परिवार से मिले इस रिएक्शन के बावजूद इन लव बर्ड्स ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने फैमिली को मनाने का काम जारी रखा।
View this post on Instagram
पढ़ें :- Pahalgam Attack के बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया तगड़ा झटका, पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स किए बैन
अर्जुन के पिता ने आखिरकार अपने बेटे के प्यार को महसूस किया। कहा जाता है कि अरविन्द ने ही स्नेहा के बिजनेसमैन फादर कंचरला से बात की और उन्हें मनाया। आखिर में दोनों परिवार राजी हुए और डेटिंग लवर्स से अल्लू-स्नेहा पति-पत्नी बन गए।
View this post on Instagram
अल्लू के पास खुद इतनी फेम और दौलत थी कि वो चाहे तो परिवार से अलग होकर आराम से शादी कर लेते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। फैमिली से बगावत करने की जगह उन्होंने धैर्य बनाकर रखा और उन्हें एहसास करवाया कि आखिर क्यों वो स्नेहा से शादी करना चाहते हैं। उनका यही शांत बर्ताव और बार-बार की कोशिशें आखिर में काम आईं।
View this post on Instagram
बगावत करना आसान तो है, लेकिन इस तरह का रवैया अक्सर बड़ी परेशानियों को जन्म देता है। ज्यादातर मामलों में ऐसे रिश्ते बिना परिवार के आशीर्वाद और स्नेह के ही ताउम्र बने रहते हैं। कुछ मामलों में तो इनमें नफरत तक शामिल दिखती है, जो किसी को भी सुकून से नहीं जीने देती।
पढ़ें :- अश्लील कंटेंट पर रोक, वाली याचिका पर SC ने केंद्र सरकार के साथ OTT व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी भेजा नोटिस
View this post on Instagram
कंचरला खुद बड़े बिजनेसमैन थे और स्नेहा भी स्मार्ट लेडी थीं, ऐसे में इस फैमिली के लिए अल्लू अर्जुन के बैकग्राउंड से लेकर फेम तक कोई मायने नहीं रखता था। यह बात एक्टर अच्छे से समझते थे। यही वजह है कि उन्होंने खुद को साबित करने के लिए और कोशिशें कीं। इसके लिए वह अपने पिता की मदद लेने से भी नहीं हिचकिचाए। आज की तारीख में अल्लू का जो रुतबा है वो दिखाता है कि शादी के बाद अर्जुन सिर्फ हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे, बल्कि उन्होंने खुद को हर कदम पर और बेहतर बनाने की कोशिशें जारी रखीं।
View this post on Instagram
हर लड़की के पिता के मन में यही डर रहता है कि न जाने लड़का कैसा होगा और वो उनकी बेटी को खुश रख सकेगा या नहीं? इन शक को अगर कोई लड़का गलत साबित कर दे और शादी के बाद भी पत्नी को सम्मान और प्यार के साथ रखे, तो ससुर भी अपने दामाद को बेटा मान लेता है। हां, लेकिन ये जरूर है कि ये सब करना उतना आसान नहीं होता, जितना सुनने या पढ़ने में लगता है। इसलिए अगर पहली बार में बात न बने, तो भी कोशिश जारी रखें।