अमेरिका के कुछ कॉलेज के परिसरों में इजरायल-हमास युद्ध को लेकर फिलिस्तीन और इजरायल समर्थकों के बीच झड़प की घटनाओं में तेजी आई है। प्रदर्शनकारियों के हमले को रोकने के लिए को आलोचना झेलनी पड़ रही है। हिंसा की घटनाएं भी हो रही है।
America: अमेरिका के कुछ कॉलेज के परिसरों में इजरायल-हमास युद्ध को लेकर फिलिस्तीन और इजरायल समर्थकों के बीच झड़प की घटनाओं में तेजी आई है। प्रदर्शनकारियों के हमले को रोकने के लिए को आलोचना झेलनी पड़ रही है। हिंसा की घटनाएं भी हो रही है। अमेरिका के लॉस एंजिल्स स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (University of California ) के परिसर में फिलिस्तीनी समर्थकों के शिविर (camp of Palestinian supporters) पर प्रदर्शनकारियों के हमले को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं कर पाने पर प्रशासन और परिसर में तैनात पुलिस को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। खबरों के अनुसार, यूसीएलए में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को फिलिस्तीन समर्थक और इजराइल समर्थक प्रतिद्वंद्वी समूहों में झड़प हो गई थी जिसे रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बुलाया गया। इस दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया और झड़प में कम से कम 15 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
ख्बरों के अनुसार, ‘मुस्लिम पब्लिक अफेयर्स काउंसिल’ (‘Muslim Public Affairs Council’) की ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ रेबेका हुसैनी (Rebecca Hussaini)ने बुधवार को लॉस एंजिलिस ( Los Angeles) स्थित परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘समुदाय को यह लगना चाहिए कि पुलिस उनकी रक्षा कर रही है, ना कि दूसरों को उन्हें नुकसान पहुंचाने में सक्षम बना रही है।’’ यूसीएलए में जहां पुलिस के अधिक हस्तक्षेप की मांग की जा रही है, वहीं इसके विपरीत, अमेरिका के अन्य परिसरों में अधिकारियों की कार्रवाई की निंदा की जा रही है।
मैडिसन स्थित विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय (University of Wisconsin) में बुधवार तड़के पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के तंबू नष्ट हटा दिए, जिसके बाद प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। पुलिस कोलंबिया विश्वविद्यालय (Columbia University) में भी मंगलवार रात दाखिल हुई जहां युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारी जमा थे और उसने प्रदर्शन को समाप्त कराया। रिपोर्ट के मुताबिक, 18 अप्रैल के बाद से अमेरिका में शैक्षणिक संस्थानों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 30 स्थानों से 1,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।