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अनिल अंबानी को लगा बड़ा झटका, कंपनी के लोन अकाउंट को SBI ने डाला ‘फ्रॉड’ कैटेगरी में डाला!

टेलीकॉम सेक्टर में कभी दबदबा रखने वाली अनिल अंबानी की कंपनी को बड़ा झटका लगा है। अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन के लोन अकाउंट को SBI ने तगड़ा झटका दिया है। SBI ने उसके लोन अकाउंट को 'धोखाधड़ी' कैटेगरी में डाल दिया।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। टेलीकॉम सेक्टर में कभी दबदबा रखने वाली अनिल अंबानी की कंपनी को बड़ा झटका लगा है। अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन के लोन अकाउंट को SBI ने तगड़ा झटका दिया है। SBI ने उसके लोन अकाउंट को ‘धोखाधड़ी’ कैटेगरी में डाल दिया।

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मीडिया रिपोर्ट की माने तो, स्‍टॉक एक्‍सचेंज फाइलिंग में Reliance Communications कंपनी ने कहा कि, SBI ने अगस्‍त 2016 से क्रेडिट सुविधाओं के संबंध में रिलायंस कम्‍युनिकेशंस के खिलाफ उसके लोन खाते को ‘धोखाधड़ी’ कैटेगरी में डाला है। जबकि रिलायंस कम्‍युनिकेशंस दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है।

संभावना है कि आरकॉम को लोन देने वाले अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। शेयर बाजार को दी गई जानकारी में आरकॉम ने बताया कि उसे एसबीआई से 23 जून 2025 का पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें यह जानकारी दी गई है। एसबीआई की ‘धोखाधड़ी पहचान समिति’ की जांच में पाया गया कि आरकॉम द्वारा प्राप्त लोन का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्यों के बजाय अन्यत्र किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, समूह की विभिन्न इकाइयों के बीच फंड के ट्रांसफर का एक जटिल जाल फैला हुआ है, जो फंड डायवर्जन की ओर इशारा करता है।

बता दें कि उद्योगपति अनिल अंबानी के वकीलों ने दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि, इस कदम ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों के साथ-साथ अदालत के निर्देशों का भी उल्लंघन किया है। 2 जुलाई को लिखे पत्र में वकील ने कहा कि एसबीआई का आदेश चौंकाने वाला है और इसे एकतरफा पारित किया गया है। इसके साथ ही ये प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।

वकील ने कहा कि एसबीआई का आदेश सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के विभिन्न निर्णयों के साथ-साथ आरबीआई के दिशा-निर्देशों का सीधा उल्लंघन है। आरकॉम ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी गई फाइलिंग में कहा कि एसबीआई 2016 के एक मामले में कथित तौर पर फंड के डायवर्जन का हवाला देते हुए उसके ऋण खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत कर रहा है।

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