आपने अब तक सुना या पढ़ा होगी की एंटीऑक्सीडेंट्स सेहत के लिए बेहद आवश्यक होते है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत जरुरी होते है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाकर रखते हैं और कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं।
आपने अब तक सुना या पढ़ा होगी की एंटीऑक्सीडेंट्स सेहत के लिए बेहद आवश्यक होते है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत जरुरी होते है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाकर रखते हैं और कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट में कैंसर रोधी गुण होते हैं, जो कुछ तरह की जानलेवा बीमारियों को रोकने में भी मदद करते हैं। आज हम आपको एंटीऑक्सीडेंट के बारे में बताने जा रहे है कि यह क्या होते है और कितने प्रकार के होते है।
शरीर में अगर फ्री रेडिकल्स की मात्रा बढ़ जाए तो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने लगता है। इससे कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। एंटीऑक्सीडेंट इनसे बचाता है और कोशिकाओं को सहेजकर रखता है। यह एक तरह का कंपाउंड होता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट कई तरह के होते हैं और फूड्स में मौजूद होते है।
एंटीऑक्सीडेंट्स सब्जियों और फलों में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। बीटा-कैरोटीन, विटामिन ई और विटामिन सी से भरपूर फूड्स एंटीऑक्सीडेंट के सबसे अच्छे सोर्स होते हैं। राजमा, पालक, टमाटर, लहसुन, धनिया, अदरक, चुकंदर, आंवला, अनार और डार्क चॉकलेट में भी एंटीऑक्सीडेंट्स कूट-कूटकर भरे होते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट के प्रकार
विटामिन सी और ई बेहद शक्तिशाली ऑक्सीडेंट हैं, जो फलो और सब्जियों में पाए जाते हैं। ये शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। विटामिन ई स्किन और बालों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।
बीटा-कैरोटीन (Beta Carotene) भी एक एंटीऑक्सीडेंट है। ये गाजर समेत पीले और नारंगी रंग के फलों-सब्जियों में पाए जाते हैं। इन्हें खाने से कई तरह की समस्याएं शरीर तक नहीं पहुंच पाती और हम हेल्दी बने रहते हैं।
ल्यूटिन और ज़ीएक्सैंथिन भी एंटीऑक्सीडेंट हैं जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स एक ही कैटेगरी के एंटीऑक्सीडेंट हैं। पॉलीफेनोल्स चाय, कॉफी और डार्क चॉकलेट में पाए जाते हैं,जबकि फ्लेवोनोइड्स फलों, सब्जियों और नट्स से शरीर को मिलते हैं।
कोएंजाइम क्यू10 भी एंटीऑक्सीडेंट है, जो एनर्जी प्रोड्यूस करने में मदद करती है। इससे दिल की सेहत बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है। हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कोलेस्ट्रॉल या बीपी जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है।