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कहीं दाल पकाते समय आप भी तो नहीं कर रही ये गलतियां, होते है सेहत को कई नुकसान

ज्यादातर भारतीय घरों में दाल चावल डेली खाया जाता है। इसके बिना थाली अधूरी लगती है। दालें स्वाद के साथ साथ सेहत से भरपूर होती हैं क्योंकि इसमें शरीर के लिए जरुरी तमाम न्यूट्रिशियन मौजूद होते है। हालंकि अधिकतर घरों में दाल को पकाते समय ऐसी गलतियां की जाती है जिससे दालें शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगती है।

By प्रिन्सी साहू 
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ज्यादातर भारतीय घरों में दाल चावल डेली खाया जाता है। इसके बिना थाली अधूरी लगती है। दालें स्वाद के साथ साथ सेहत से भरपूर होती हैं क्योंकि इसमें शरीर के लिए जरुरी तमाम न्यूट्रिशियन मौजूद होते है। हालंकि अधिकतर घरों में दाल को पकाते समय ऐसी गलतियां की जाती है जिससे दालें शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगती है।

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फेसम योग गुरु हंसा योगेन्द्र ने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें डॉ हंसा बता रही है कि ‘हमारे देश में 90% लोग गलत तरीके से दाल बनाते और खाते हैं। यही वजह है कि उन्हें अक्सर दाल खाने के बाद गैस, एसिडिटी या ब्लोटिंग की परेशानी घेर लेती है।

दाल पकाते समय बिल्कुल न करें ये गलतियां

डॉ हंसाजी के अनुसार ज्यादातर लोग दाल को कुछ देर के लिए भिगोने की बजाय तुरंत धोकर कुकर में डालकर पका लेते है। ऐसा नहीं करना चाहिए। दाल को धोकर सीधे पकाने की बजाय थोड़ी देर के लिए भिगने के लिए रख दें। दाल में फाइटिक एसिड जैसे एंटी न्यूट्रिएंट होते है।अगर आप दाल बिना भिगोएं खाएंगे तो फाइटिक एसिड गैस, ब्लोटिंग की परेशानी को बढ़ा देगा। साथ ही इससे आपके शरीर में दाल में मौजूद पोषक तत्व भी नहीं मिल पाएंगे।

डॉ. हंसाजी छोले और राजमा बनाने से पहले इन्हें 8-10 घंटे भिगोकर रखने की सलाह देती हैं। इसके अलावा तूर और मसूर दाल को बनाने से पहले 1-4 घंटे भिगोकर रखें। इसके बाद पानी को फेंक दें और नए पानी के साथ दाल बनाएं।

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दाल बनाते समय दूसरी गलती है, इसे ठीक तरीके से नहीं पकाना। अगर दाल बनाते समय ये हल्की कच्ची रहती है, तो इसे पचाना मुश्किल हो जाता है। वहीं, ज्यादा पकने पर दाल में मौजूद विटामिन और मिनरल्स की मात्रा कम हो जाती है। ऐसे में दाल बनाते समय इसे एकदम सही तरीके से पकाएं।

डॉ. हंसाजी बताती हैं, दाल सेहत के लिए अच्छी होती है, ये सोचकर कई लोग एक बार में बहुत सारी दाल खा लेते हैं। ऐसा करना भी नुकसानदायक हो सकता है।दाल में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।ये दोनों सेहत के लिए फायदेमंद हैं लेकिन इनका एक साथ ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचें। यानी दाल खाते हुए पोर्शन कंट्रोल का खास ध्यान रखें।

डॉ. हंसाजी के मुताबिक, दाल के साथ एक और गलती ये होती है कि ज्यादातर लोग इसे ठीक तरह से स्टोर नहीं करते हैं। ऐसे में दाल में कीड़े, घुन्न लगने या सीलन की परेशानी बढ़ जाती है, साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व कम हो जाते हैं। ऐसे में दाल को ठीक तरह से स्टोर करना भी जरूरी है। इसके लिए दाल को किसी ठंडी जगह पर एयर टाइट कंटेनर में बंद कर रखें।

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