कुछ लोगो को फ्रूड क्रविंग इतनी अधिक होती है कि रात के तीन बजे हो या चार कुछ न कुछ खाने को चाहिए ही होता है। वहीं कुछ लोगो को कुछ खास तरह की चीजें खाने की क्रेविंग होती है। खाने की इतनी ज्यादा इच्छा होती है कि खुद को रोक ही नहीं पाते है।
कुछ लोगो को फ्रूड क्रविंग इतनी अधिक होती है कि रात के तीन बजे हो या चार कुछ न कुछ खाने को चाहिए ही होता है। वहीं कुछ लोगो को कुछ खास तरह की चीजें खाने की क्रेविंग होती है। खाने की इतनी ज्यादा इच्छा होती है कि खुद को रोक ही नहीं पाते है।
कुछ न कुछ खाने की क्रेविंग होना बेहद आम बात है, लेकिन अगर यही क्रेविंग कम होती जाए तो ठीक बात नहीं।
कई लोगो को कुछ खाने की इच्छा होती है या भूख लगती है तो ऐसे लोग चाय या कॉफी पी लेते है जिससे भूख तो शांत हो जाती है लेकिन फूड क्रेविंग खत्म हो जाती बार बार आप ऐसा ही करते हैं तो नुकसानदायक हो सकता है।
कुछ लोगो को भूख लगने के बावजूद लंबे समय तक भूखे रहने की आदत होती है या फिर काम खत्म करने के इंतजार में भूख को अनदेखी करते है। ऐसे में भूख कम होने लगती है।
अगर आपकी भूख कम हो रही है या फूड क्रेविंग कम हो रही है तो यह शरीर के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इससे मेटाबॉलिज्म पर गलत असर पड़ता है।इससे वजन तो कम होता ही है मसल लॉस, थकान और कई तरह की दिक्कतें और बीमारियां घर करने लगती हैं।
कई बार किसी खास चीज को खाने की फूड क्रविंग होती है पर जानबूझकर इस क्रेविंग को रोकने की कोशिश करने भी गलत बात है। अपनी पंसद के फूड आइटम खाने से आपको संतुष्टि मिलती है।
वहीं अगर आप अपनी क्रेविंग को कंट्रोल करते हैं तो एंग्जाइटी हो सकती है। इससे मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। इसलिए अगर आप भी अपनी क्रविंग को कम करने की कोशिश कर रहे है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छी बात नहीं है।