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रंग लाई एआरटी की मेहनत:एचआईवी संक्रमित कोख से नौ शिशुओं ने लिया जन्म,सभी निगेटिव

रंग लाई एआरटी की मेहनत:एचआईवी संक्रमित कोख से नौ शिशुओं ने लिया जन्म,सभी निगेटिव

By विजय चौरसिया 
Updated Date

पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :: एड्स के खिलाफ जिला अस्पताल महराजगंज के एआरटी सेंटर में उपचार के बाद एचआईवी संक्रमित कोख से नौ स्वस्थ्य शिशुओं ने स्वस्थ्य तरीके से जन्म लिया है। इन सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन बच्चों की उम्र छह से नौ माह तक हो चुकी है। चिकित्सकों की निगरानी में समय-समय पर इन बच्चों की जांच भी हो रही है। उत्साहजनक बात यह है कि हर बार जांच में एचआईवी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि 18वें माह की जांच रिपोर्ट में एचआईवी का लक्षण नहीं मिलने पर इन बच्चों को एड्स मुक्त घोषित कर दिया जाएगा।

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जिला अस्पताल के आईसीटीसी सेंटर में नौ गर्भवती महिलाओ की एएनसी जांच में एचआईवी की पुष्टि हुई थी। गर्भवती महिलाओं की जांच रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर परिजन सकते में आ गए। पर, स्वास्थ्य विभाग के काउंसलर परिजन व संक्रमित गर्भवती महिलाओं को यह समझाने में सफल रहे कि भले ही वह संक्रमित हैं लेकिन उनके बच्चे स्वस्थ्य रूप से जन्म ले सकते हैं। एचआईवी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जिला अस्पताल के चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव होने तक गर्भवती महिलाओं का उपचार हुआ। चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव कराया गया। लगातार उपचार के बाद प्रसव में गर्भवती संक्रमित महिलाओं के कोख से जन्मे नौ बच्चों में एचआईवी का कोई लक्षण नहीं मिला। जांच में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन बच्चों की उम्र छह से लेकर 12 माह तक हो गई है। दोनों जांच में बच्चों का रिपोर्ट एचआईवी निगेटिव आई है। डॉक्टर अब इन बच्चों को 18 माह होने पर एचआईवी की जांच कराएंगे। वह जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर बच्चे एचआईवी वायरस से मुक्त घोषित कर दिए जाएंगे। छह और 12 माह की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर इन नौनिहालों के परिजनों में खुशी का माहौल है।

नियमित उपचार से सामान्य जीवन जी रहे 2271 एड्स पीड़ित 

जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में 2271 एड्स पीड़ित पंजीकृत हैं। चिकित्सकों की देखरेख व सलाह के अनुसार यह पीड़ित नियमित इलाज कर रहे हैं। काउंसलर उनकी लगातार काउंसलिंग भी कर रहे हैं। नियमित दवा लेने से इन पीड़ितों का स्वास्थ्य बेहतर बनाया जा रहा है। सामान्य लोगों की तह यह एड्स पीड़ित जीवन यापन कर रहे हैं।

एड्स पीड़ित 13 जोड़ों ने एक-दूसरे को चुना जीवन साथी 

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एआरटी सेंटर में दवा ले रहे एड्स पीड़ितों में शादी योग्य 13 युवाओं की शादी भी कराया गया है। एड्स पीड़ित दम्पत्ति सामान्य की तरह जीवन यापन कर रहे हैं। इनमें चार दम्पत्तियों स्वस्थ बच्चा पैदा करने की योजना बना रहे हैं। डॉक्टर की देखरेख में गर्भधारण से लेकर प्रसव कराया जाएगा। एआरटी सेंटर लोगों को एचआईवी से बचाने के लिए मेरा स्वास्थ्य मेरी जिम्मेदारी थीम पर लोगों को जागरूक कर रहा है। एड्स पीड़ितों को दवा उपलब्ध कराने के साथ ही अपनी बीमारी दूसरे में नही फैलाने के प्रति जोर दे रहा है।

पेट में पल रहे शिशुओं को एचआईवी से बचाया जा सकता: डॉ. एवी त्रिपाठी

जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक एवं एआरटी सेंटर के प्रभारी डॉ. एवी त्रिपाठी का कहना है कि एचआईवी का सही समय पर पता चल जाने पर गर्भवती महिला के पेट में पल रहे नवजात को एड्स होने से बचाया जा सकता है। इसके लिए गर्भवती महिला को डॉक्टर और काउंसलर के देखरेख रहना चाहिए। डॉक्टर के उपस्थिति में प्रसव कराना चाहिए। एआरटी दवा ले रहे पीड़ितों का स्वास्थ्य सामान्य है। एड्स की जांच और दवा पूरी तरह नि:शुल्क है।

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