काली शंकर यदुवंशी ने कहा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सिर्फ संविधान निर्माता नहीं, बल्कि करोड़ों वंचितों, पिछड़ों और शोषितों के अधिकारों की आवाज़ थे। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब देश की 90% आबादी को बराबरी का हिस्सा और सम्मान मिलेगा। आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व 1% से भी कम है, यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि व्यवस्था की खामोशी का प्रतीक है।"
गोरखपुर। ओबीसी पार्टी कार्यालय पर डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस अवसर पर ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष काली शंकर यदुवंशी ने कहां की “बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब देश की 90% आबादी को बराबरी का हक़ मिलेगा।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में काली शंकर यदुवंशी ने कहा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सिर्फ संविधान निर्माता नहीं, बल्कि करोड़ों वंचितों, पिछड़ों और शोषितों के अधिकारों की आवाज़ थे। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब देश की 90% आबादी को बराबरी का हिस्सा और सम्मान मिलेगा। आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व 1% से भी कम है, यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि व्यवस्था की खामोशी का प्रतीक है।”
ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर संजय कुमार जायसवाल ने कहा कि आज का दिन केवल श्रद्धा व्यक्त करने का नहीं, बल्कि आत्ममंथन और संकल्प लेने का दिन है। हमें बाबा साहब के अधूरे सपनों को पूरा करना है। जब तक समाज के हर तबके को न्याय, शिक्षा, रोज़गार और सत्ता में समान भागीदारी नहीं मिलेगी, तब तक हमारा संविधान अधूरा है।
कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया और “जय भारत, जय संविधान, जय भीम” के नारों से वातावरण गूंज उठा। ओबीसी पार्टी ने इस दिन को सामाजिक जागरूकता और अधिकारों की पुनः प्राप्ति के संकल्प दिवस के रूप में मनाया।
कार्यक्रम को प्रमुख रूप से ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर संजय कुमार जायसवाल, चंदन पटेल, सुभाष चन्द जायसवाल , विशाल गुप्ता, सर्वेश गुप्ता, रवि जायसवाल, विकास गुप्ता, सुनील जायसवाल, सूरज जायसवाल , विवेक जायसवाल, अजीत शर्मा, संदीप वर्मा , मनीष निगम आदि ने अपने विचार अभिव्यक्त किया।