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34 साल की उम्र में बैंटमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल को हुआ गठिया, ये हैं इस रोग के कारण और बचाव

बैंटमिंटन प्लेयर सानिया नेहवाल आर्थराइटिस से पीड़ित है। यह बीमारी उनके करियर में रोड़ा बन रही है। साइना नेहवाल ने एक पॉडकॉस्ट में अपनी इस बीमारी के बारे में खुलासा किया। उनके घुटनों में गठिया है।

By प्रिन्सी साहू 
Updated Date

बैंटमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल (Badminton player Saina Nehwal ) आर्थराइटिस ( arthritis ) से पीड़ित है। यह बीमारी उनके करियर में रोड़ा बन रही है। साइना नेहवाल ने एक पॉडकॉस्ट में अपनी इस बीमारी के बारे में खुलासा किया। उनके घुटनों में गठिया है।

पढ़ें :- Arthritis: गठिया के दर्द या अर्थराइटिस से परेशान हैं तो इन नेचुरल तरीकों से पाएं राहत

जिसकी वजह से वह ट्रेनिंग नहीं कर पाती है। साइना(Saina Nehwal ) ने बताया कि उनके कार्टिलेज घिस गए हैं ऐसी स्थिति में आठ नौ घंटे की ट्रेनिंग करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे है इतनी कम उम्र में गठिया होने के क्या कारण है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

गठिया की समस्या खराब लाइफस्टाइल की वजह से हो सकती है और जेनेटिक कारणों से भी। गठिया के कई प्रकार होते हैं और इनका इलाज भी इनके प्रकार पर ही निर्भर करता है। जैसा रोग, वैसा उपचार। लेकिन सबसे अधिक होने वाले आर्थराइटिस हैं रूमेटाइट आर्थराइटिस और ओस्टियोआर्थराइटिस।

आमतौर पर बुढ़ापे में लोग जोड़ों के दर्द का शिकार होते हैं तो इसकी वजह ओस्टियोआर्थराइटिस होती है। इस बीमारी में जोड़ों का घिसाव सिकुड़ जाता है और जोड़ों की हड्डियों को किनारों से कवर करने वाले टिश्यूज डैमेज हो जाते हैं। इस कारण हड्डियों के बीच होने वाले घृषण से दर्द की समस्या होती है।

जबकि रूमेटाइडआर्थराइटिस वो समस्या है, जिसमें अपने ही शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र में कुछ गड़बड़ी होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता जोड़ों के टिश्यूज पर अटैक करने लगती है और रोगी को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है। कई केसेज में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण भी आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है।

अगर इस रोग से बचाव की बात करें तो अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करके बचा जा सकता है। फास्ट फूड का इस्तेमाल न करें। गलत तरीके से उठने और बैठना न करें। यूरिक एसिड नियंत्रित रखें। अपनी जीवनशैली में एक्सरसाइज और योगा को शामिल करें।

सादा और पौष्टिक आहार को डाइट में शामिल करें।अपनी डाइट में ओमेगा-3, कैल्शियम और विटामिन-डी से रिच फूड्स को शामिल करें। अगर नॉनवेज खाते हैं तो सप्ताह में दो बार फिश खाएं ।वेजिटेरियन लोग हर दिन नट्स, प्लेन पनीर और एक मौसमी फल जरूर खाएं।

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