खराब जीवनशैली और कुछ भी अनाप शनाप खा लेने की आदत का नजीता डायबिटीज की बीमारी है। खानपान और जीवनशैली में सुधार करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज मरीजों को प्रोटीन लेने सलाह दी जाती है। एक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के डाइटीशियन के अनुसार उड़द की दाल में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।
Benefits of urad dal: खराब जीवनशैली और कुछ भी अनाप शनाप खा लेने की आदत का नजीता डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी है। खानपान और जीवनशैली में सुधार करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज मरीजों को प्रोटीन लेने सलाह दी जाती है। एक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के डाइटीशियन के अनुसार उड़द की दाल में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इतना ही नहीं इसमें पोटैशियम, आयरन, फोलेट और कैल्शियम जैसे कई जरुरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
उड़द की दाल (urad dal) दो तरह की होती है। एक छिलके वाली और दूसरी बिना छिलके की। अगर छिलके के साथ खाया जाए तो इसका रंग काला और पीला दोनों नजर आता है। काफी लोग इसे छिलके के बिना खाते हैं। इसमें प्रोटीन और डायटरी फाइबर की मात्रा कभी ज्यादा होती है, जिसकी मदद से ब्लड शुगर लेवल मैनेज करना आसान हो जाता है।
दुनियाभर में की गई रिसर्चेज से पता चला है कि हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट के साथ फाइबर का सेवन किया जाए तो ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा मैनेज की जाती है क्योंकि ये न्यूट्रिएंट ब्लड में शुगर का एब्जॉर्बशन कम कर देता है जिससे पेशेंट की अच्छी सेहत मेंटेन रहती है।
उड़द दाल (urad dal) को आप नॉर्मल दाल की तरह पकाएं जिसमें पानी नमक और हल्दी मिलाई जाती है, इस दाल में किसी भी तरह का तड़का न लगाएं क्योंकि ऑयल कटेंट बढ़ने से ये नुकसानदेह साबित हो सकता है। उड़द दाल का आम तौर पर वड़ा बनाया जाता है, जो एक साउथ इंडियन डिश है, लेकिन डायबिटीज (Diabetes) के मरीज इससे परहेज करें, क्योंकि वड़ा को छानने में बहुत ज्यादा कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल होता है। ड्रीप फ्राइड चीजें सेहत के लिए अच्छी नहीं होती।