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बेरोजगारी, पलायन जैसे मुद्दे पर बिहार और देश का ध्यान बंटा रहे, BJP इसलिए पिछले 10-11 साल से रच रही है साजिश : कन्हैया कुमार

मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग (AICC) के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि कन्हैया कुमार जी यात्रा के माध्यम से जो मुद्दा उठा रहे हैं, उसे बाकी राजनीतिक दलों को आज नहीं तो कल उठाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज सत्तारूढ़ दल हमारा ध्यान बांटना चाहता है, ताकि लोग असली मुद्दों पर बात न करें और वो अपनी नाकामी छिपा सकें।

By संतोष सिंह 
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दरभंगा, बिहार: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार इन दिनों अपने गृह राज्य बिहार में कांग्रेस के लिए पसीना बहा रहे हैं। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले कन्हैया कुमार ‘पलायन रोको नौकरी दो’ यात्रा निकाल रहे हैं। उनकी यात्रा कई चरणों में पूरी होगी। इस दौरान यह यात्रा पूरे बिहार को कवर करेगी।

पढ़ें :- सरकार और बाजार के बीच में युवा का भविष्य पिस रहा है, आज देश में बेचा जा रहा है सपना : कन्हैया कुमार

मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग (AICC) के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि कन्हैया कुमार जी यात्रा के माध्यम से जो मुद्दा उठा रहे हैं, उसे बाकी राजनीतिक दलों को आज नहीं तो कल उठाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज सत्तारूढ़ दल हमारा ध्यान बांटना चाहता है, ताकि लोग असली मुद्दों पर बात न करें और वो अपनी नाकामी छिपा सकें।

चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि बेरोजगारी, पलायन जैसे बड़े मुद्दे पर बात न हो, बिहार और देश का ध्यान बंटा रहे, इसलिए BJP समाज में विवाद पैदा कर रही है। ऐसी साजिश BJP पिछले 10-11 साल से रच रही है। जिस बिहार ने पूरे देश को दिशा दिखाई, आज उस बिहार का नौजवान संघर्ष कर रहा है- ये उसके साथ बड़ा अन्याय है। इस बार तमाम राजनीतिक दलों को बिहार के नौजवानों, छात्रों और मजदूरों को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करनी ही होगी।

सोमवार को कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षकों को उनका वेतन नहीं दिया जा रहा है। LNMU में 2008 से लाइब्रेरियन की भर्ती नहीं हुई है। कन्हैया कुमार ने कहा कि खेल कोटे से नौकरी लेने वाले छात्रों का कोटा खत्म कर दिया। डोमिसाइल नीति लागू न होने से दिव्यांगों को नौकरी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि पोलो ग्राउंड में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम होते रहते हैं, जिसकी वजह से सेना की तैयारी करने वाले छात्रों को बहुत तकलीफ होती है।

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