पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद को लेकर वैश्विक मंच पर बेनकाब हुआ है। पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि उनके देश ने पश्चिमी देशों के लिए "गंदा काम" किया, जो आतंकवाद को समर्थन देने की स्वीकारोक्ति मानी गई।
नई दिल्ली। पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद को लेकर वैश्विक मंच पर बेनकाब हुआ है। पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि उनके देश ने पश्चिमी देशों के लिए “गंदा काम” किया, जो आतंकवाद को समर्थन देने की स्वीकारोक्ति मानी गई। अब, पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Former Foreign Minister and Pakistan People’s Party) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan People’s Party leader Bilawal Bhutto Zardari) ने भी मान लिया है कि पाकिस्तान का अतीत आतंकवादियों को पनाह देने और समर्थन करने से जुड़ा रहा है।
बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) ने एक इंटरव्यू में कहा,कि यह कोई राज़ नहीं है कि पाकिस्तान का अतीत अतिवाद से जुड़ा रहा है। हमने खुद इसकी भारी कीमत चुकाई है। हमने इस्लामीकरण और समाज के सैन्यीकरण के दौर देखे हैं, लेकिन हमने इससे सीखा और आंतरिक सुधार किए हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत पहलगाम आंतकी हमले के बाद पाक के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है।
बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) ने स्वीकार किया कि भले ही नागरिक सरकारों ने प्रत्यक्ष रूप से ऐसी नीतियां न बनाई हों, लेकिन पाकिस्तान की सेना (Pakistan Army) और खुफिया एजेंसी ISI का अतीत में आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि हमने मुजाहिदीन को समर्थन दिया, तालिबान के साथ संपर्क रखा, और ये सब पश्चिमी देशों के साथ मिलकर किया गया।
भारत बार-बार पाकिस्तान पर 26/11 मुंबई हमलों से लेकर पुलवामा आतंकी हमले तक आतंकवादियों को पनाह देने और प्रशिक्षित करने के आरोप लगाता रहा है। बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) के इस बयान के बाद भारत के इन आरोपों को एक बार फिर मजबूती मिल गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान अब भी दोहरी नीति अपना रहा है। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है, वहीं दूसरी तरफ पनाहगाह बनता है इन आतंकवादियों के लिए। बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) का यह कबूलनामा दर्शाता है कि पाकिस्तान का आतंकवाद से रिश्ता अब केवल भारत का आरोप नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं की स्वीकारोक्ति बन चुका है। रक्षा मंत्री और अब बिलावल जैसे नेताओं के बयानों से यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान की धरती लंबे समय से आतंकवाद की नर्सरी रही है।