कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नाम डिस्प्ले बोर्ड में लिखे जाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में कांवड़ यात्रा रूटों को लेकर ऐसा आदेश दिया था। इसके अलावा उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में भी ऐसे आदेश लागू किए गए थे।
लखनऊ। कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नाम डिस्प्ले बोर्ड में लिखे जाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में कांवड़ यात्रा रूटों को लेकर ऐसा आदेश दिया था। इसके अलावा उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में भी ऐसे आदेश लागू किए गए थे। इसके तहत कांवड़ यात्रा में पड़ने वाले रेस्तरां और खानपान की दुकानों पर मालिकों को अपना नाम लिखना था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आ रही है।
अखिलेश यादव ने इस फैसले के बाद एक्स पर लिखा कि, एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए: सौहार्दमेव जयते! इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, जिस समय मुझे जानकारी मिली थी तभी मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं इसे संज्ञान में ले और ऐसी कार्रवाई को रोके। जैसे दिया बुझने से पहले फड़फड़ाता है, ये सांप्रदायिक राजनीति का दिया फड़फड़ा रहा है इसलिए ऐसे फैसले ले रहे हैं। सांप्रदायिक राजनीति खत्म होने जा रही है इसका दुख भाजपा को है।
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक का स्वागत करते हैं। यह असंवैधानिक था और कांग्रेस पार्टी ने पूरे विपक्ष के साथ मिलकर इसका विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर JDU नेता केसी त्यागी ने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता हूं। हमें आशंका थी कि इस नियम से समाज बंट जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया। मैं इसके लिए आभारी हूं। मैं चाहता हूं कि इस कावड़ यात्रा के पूरे रूट पर शराब और मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि जो तीर्थ यात्री हैं धार्मिक राहत की सांस मिल सके।