बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (BJP IT Cell President Amit Malviya) के खिलाफ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में केस दर्ज हुआ है। कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मालवीय के खिलाफ केस दर्ज किया है। अमित मालवीय (Amit Malviya) के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
बेंगलुरु। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (BJP IT Cell President Amit Malviya) के खिलाफ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में केस दर्ज हुआ है। कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मालवीय के खिलाफ केस दर्ज किया है। अमित मालवीय (Amit Malviya) के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
बीजेपी आईटी सेल (BJP IT Cell) के अध्यक्ष अमित मालवीय (Amit Malviya) मुश्किलों में घिर गए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर किए गए एक ट्वीट के मामले में उनके खिलाफ बेंगलुरु के एक थाने में केस दर्ज हुआ है। बीजेपी ने इसकी आलोचना की है। बेंगलुरु साउथ से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि अमित मालवीय (Amit Malviya) के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर राजनीति से प्रेरित है। तेजस्वी ने ये भी कहा कि मामले को वह कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ कथित बयान को लेकर आईपीसी की धारा 153 ए और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों धाराएं समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित हैं। क्या है राहुल गांधी एक व्यक्ति, एक समूह या एक वर्ग हैं?
वही, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Congress leader Pawan Kheda) से इसको लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमित मालवीय (Amit Malviya) खिलाफ और भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। खेड़ा ने आगे कहा कि अगर कोई सच्चाई, तथ्यों, लोगों की छवियों और देश की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने के लिए जिम्मेदार है, तो वह बीजेपी आईटी सेल(BJP IT Cell) है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि सरकार ने उन पर अभी तक कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किया।
जानें क्या बोले प्रियांक खरगे?
कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। प्रियांक खरगे ने कहा कि भाजपा को जब भी कानूनी दौर से गुजरना पड़ता है तो वे रोना शुरू करते हैं। बीजेपी नेताओं को देश के कानून का पालन करने में दिक्कत है। हमने कानूनी राय लेने के बाद ही ये फैसला किया है।