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Breaking News : पेट्रोल 3 रुपये और डीजल 3.2 रुपये हुआ महंगा, अब जनता पर मंहगाई की मार

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार जनता को मंहगाई का झटका दिया है। राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी कर दी है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (Petroleum Dealers Association) के अनुसार, कर्नाटक में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 3 रुपये और 3.05 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार जनता को मंहगाई का झटका दिया है। राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी कर दी है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (Petroleum Dealers Association) के अनुसार, कर्नाटक में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 3 रुपये और 3.05 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

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15 जून से सेल्स टैक्स में बढ़ोत्तरी का ऐलान

दरअसल, राज्य सरकार ने 15 जून को पेट्रोल और डीजल पर सेल्स टैक्स में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल पर ‘कर्नाटक बिक्री कर’ (KST) 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत और डीजल पर 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.4 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह दरें तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

कीमत में  इतना होगा इजाफा

पेट्रोल की कीमत में 3 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे बेंगलुरु में प्रति लीटर कीमत 99.84 रुपये से बढ़कर 102.84 रुपये हो गई है। इसी तरह, डीजल की कीमत में 3.02 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिससे प्रति लीटर कीमत 85.93 रुपये से बढ़कर 88.95 रुपये हो गई है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, कीमत में वृद्धि इसलिए हुई है क्योंकि राज्य सरकार ने राज्य में बिक्री कर में संशोधन किया है, जो राज्य में पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाया जाता है।

अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर बिक्री कर 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि डीजल पर कर 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.4 प्रतिशत कर दिया गया है। बिक्री कर में इस उल्लेखनीय वृद्धि का सीधा असर राज्य भर में पेट्रोल और डीजल दोनों की खुदरा कीमतों पर पड़ा है।

राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना

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कर्नाटक  वित्त विभाग (KARNATAKA  FINANCE DEPARTMENT) के तरफ से उठाए गए इस कदम का उद्देश्य राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है।हालांकि, इसका परिवहन और माल वितरण सहित विभिन्न क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए लागत में वृद्धि हो सकती है। इन नई कीमतों के तत्काल कार्यान्वयन ने कई निवासियों और व्यवसायों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जिससे वित्तीय बोझ को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

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