बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट को गोली के घावों के लिए एक बैंडेज-सहायता बताया। वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक आदर्श बदलाव की जरूरत है, लेकिन यह सरकार विचारों की दिवालिया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद में बजट पेश किया है। मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट है। वहीं, निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवीं बार बजट पेश किया है। इस बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट को गोली के घावों के लिए एक बैंडेज-सहायता बताया। वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक आदर्श बदलाव की जरूरत है, लेकिन यह सरकार विचारों की दिवालिया है।
A band-aid for bullet wounds!
Amid global uncertainty, solving our economic crisis demanded a paradigm shift.
But this government is bankrupt of ideas.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2025
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ये बजट पिछले 10 साल का सबसे कमजोर बजट रहा है : लोक सभा में उप नेता गौरव गोगोई
लोक सभा में उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि ये वही पुराना बजट है, जो हम पिछले 10 साल से सुनते आ रहे हैं। जहां पर शब्दों के अलावा गरीब, किसान, मिडिल क्लास को कुछ नहीं मिलता। टैक्स के जो प्रस्ताव आते हैं, वो सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों को फायदा दिलाता है। पहले भी टैक्स में बदलाव किए गए, लेकिन मिडिल क्लास को कोई राहत नहीं मिली। ये बजट पिछले 10 साल का सबसे कमजोर बजट रहा है।
बिहार में चुनाव है, इसलिए बजट में सिर्फ बिहार ही नजर आ रहा है : कुमारी शैलजा
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि बिहार में चुनाव है, इसलिए बजट में सिर्फ बिहार ही नजर आ रहा है।किसान को MSP चाहिए, लेकिन बजट में उस पर कोई बात नहीं हुई। न्यूक्लियर सेक्टर पर बात हुई, लेकिन हरियाणा में गोरखपुर न्यूक्लियर प्लांट कब से पड़ा है, उसमें कुछ नहीं हो रहा। बजट में गरीबों के आवास, मनरेगा योजना को लेकर कोई बात नहीं की गई। इसके अलावा, हरियाणा राज्य को भी कुछ नहीं मिला।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि ये बजट भारत सरकार का है या बिहार सरकार का?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि ये बजट भारत सरकार का है या बिहार सरकार का? क्या किसी ने वित्त मंत्री जी के भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य प्रदेश का नाम सुना? जब देश के बजट की बात होती है तो पूरे देश के लिए बजट में कुछ न कुछ होना चाहिए।
ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। BJP ने अपने गठबंधन के साथियों को स्थिर रखने के लिए पूरे देश को दांव पर लगा दिया।
यह देश को डुबोने वाला बजट है : कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी
कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि यह दिशाहीन बजट है। इसमें किसी वर्ग को कुछ नहीं मिला। इस बजट में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश का नाम तक नहीं लिया गया।गरीब और गरीब होगा, अमीर और अमीर होता जाएगा। देश के किसान धरने पर बैठे हैं लेकिन बजट में MSP तक की बात नहीं की गई। यह देश को डुबोने वाला बजट है।
‘जो पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव चाहती है, वह प्रत्येक चुनाव, प्रत्येक वर्ष का उपयोग लोगों को अधिक मुफ्त चीजें दे रही है’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मध्यम वर्ग के कर में कटौती से भाजपा के लोग खुश हैं और मुझे लगता है कि हम सभी को इसके विवरण का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था की प्रकृति और वित्त मंत्री द्वारा उनके समाधान के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में कुछ बुनियादी सवाल हैं जो अभी भी स्पष्ट नहीं हैं।
The middle-class tax cut is what BJP people are cheering, and I think we all await the details of that with interest. But there are some fundamental questions about the nature of our economy and what the Finance Minister will do to address them that are still not yet clear.
What… pic.twitter.com/z924mWqftk
— Congress (@INCIndia) February 1, 2025
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन को गति देने के लिए क्या किया जा रहा है? अभी निवेश का माहौल खराब है। यहां तक कि घरेलू निवेशक भी निवेश नहीं कर रहे हैं जबकि विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं। अतिरिक्त विनिर्माण के लिए पैसा कहां से आएगा? दूसरा, बेरोजगारी हमारी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा संकट है। उन्होंने इस बारे में बिल्कुल भी बात नहीं की। ठीक है, आपके पास वेतन है, आप जाहिर तौर पर कम कर दे सकते हैं, लेकिन उन लोगों का क्या जिनके पास वेतन नहीं है? आपको इस अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियां पैदा करने की जरूरत है, और इसका कोई संकेत नहीं मिला है।
हमें बजट में किए गए प्रस्तावों को विस्तार से देखना होगा। मेरी अपनी भावना यह है कि अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली केंद्रीय समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। आर्थिक वृद्धि एक साल पहले के अनुमान से बहुत कम है। निर्यात 20 फीसदी से कम है, वह निर्यात को कैसे बेहतर बनाने जा रही हैं? यह स्पष्ट नहीं किया गया है। राजकोषीय घाटे का सवाल भी उतना ही अस्पष्ट है। मुझे याद है कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली 3 फीसदी राजकोषीय घाटे की ओर बढ़ने की बात कर रहे थे। आज, वह खुशी-खुशी 4.8 फीसदी राजकोषीय घाटे की घोषणा कर रही हैं। इसलिए, यह और भी बदतर हो गया है।
इसके अलावा, इस बजट में बिहार पर ध्यान स्पष्ट रूप से आगामी बिहार चुनावों के कारण है। यह विडंबना है कि जो पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव चाहती है, वह वास्तव में प्रत्येक चुनाव, प्रत्येक वर्ष का उपयोग लोगों को अधिक मुफ्त चीजें देने के लिए कर रही है।