पवित्र तुलसी: पवित्र तुलसी का पौधा पूरे देश में पूज्यनीय है। प्रचीन काल से ही अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। हम लोगों के दैनिक जीवन में तुलसी का प्रयोग बहुत ही प्रमुखता से किया जाता है। हमारे ऋषियों को लाखों वर्ष पूर्व तुलसी के
पवित्र तुलसी: पवित्र तुलसी का पौधा पूरे देश में पूज्यनीय है। प्रचीन काल से ही अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। हम लोगों के दैनिक जीवन में तुलसी का प्रयोग बहुत ही प्रमुखता से किया जाता है। हमारे ऋषियों को लाखों वर्ष पूर्व तुलसी के
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में ब्रत त्योहारों का सिलसिला वर्ष् भर चलता रहता है। त्योहारों की रौनक और धूमधाम के पीछे एक ठोस आधार जुड़ा रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विनी मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित पुत्रिका व्रत मनाया जाता है। जिसे जितिया व्रत के
केदारनाथ: उत्तराखंड के केदारनाथ वन प्रभाग क्षेत्र (Kedarnath Forest Division Area) में स्थित वासुकीताल कुंड (Vasukital Kund) से लेकर करीब 3 किमी क्षेत्र में कई सालों बाद नीलकमल के फूल (nilkamal flowers) खिले हैं। चारों तरफ खिले फूल लोगों का मन मोह लेते हैं। आपको बता दें, इसे स्थानीय लोग
माता सरस्वती की आराधना: विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। अक्सर विद्यार्थियों को यह कहते सुना जाता है कि वो जो याद पाठ पढ़ते है उसे वो भूल जाते है। कभी कभी विद्यार्थियों को यह कहते सुना जाता है कि उनका पढ़ने में मन नहीं लगता है।
पंचांग • शुक्रवार, 24 सितंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – अश्विनी अमंत मास – भाद्रपद तिथि कृष्ण पक्ष तृतीया – 23 सितंबर 06:54 पूर्वाह्न – 24 सितंबर 08:30 पूर्वाह्न कृष्ण पक्ष चतुर्थी – 24 सितंबर 08:30 पूर्वाह्न – 25 सितंबर 10:36 पूर्वाह्न
मेष राशिफल आमदनी में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ बाहर जाने की योजना बनेगी। कैरियर में उन्नति व रोजगार प्राप्ति के योग हैं। परिवार व रिश्तेदारों के साथ विवाद हो सकता है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। अज्ञात भय रहेगा। थकान महसूस होगी। कारोबार ठीक चलेगा। तरक्की के
सर्वपितृ अमावस्या 2021: सर्व पितृ अमावस्या एक धार्मिक क्रिया है जो पूर्वजों को समर्पित है। अश्विन माह की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। यह पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 6 अक्टूबर को है।इस दिन सभी पितृों के निमित श्राद्ध किया जाता है। इसके
इंदिरा एकादशी 2021: व्रत, उपवास की श्राृंखला में इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को नियम और निष्ठा के साथ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर कोई व्यक्ति एकादशी
पितृपक्ष 2021: भारतीय संस्कृति में अपने पूर्वजों के प्रति बहुत ही श्रद्धा का भाव रहता है। सनातनधर्मी पितृ पक्ष में पितरों का आह्वान करते हैं। पितरों की आत्मा की शान्ति और उनके प्रति आस्था को समर्पित करने लिए शास्त्रों में पिण्ड दान का विधान बताया गया है। श्राद्ध विधान के
शारदीय नवरात्रि पर्व 2021: हिंदू धर्म में जगत जननी मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। मां दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें देवी, शक्ति और पार्वती,जग्दम्बा और आदि नामों से भी जाना जाता हैं। मां दुर्गा को आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती योगमाया, बुद्धितत्व की जननी तथा
मेष राशिफल कुछ बड़ा तनाव दूर होगा। पुरानी बीमारी फिर से उभर सकती है। बिजली, वाहन आदि के प्रयोग के दौरान सावधानी बरतें। किसी भी अनजान की बात का भरोसा न करें। लाभ होगा। स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं। सगे संबंधियों का आगमन होगा। खुशखबरी मिलेगी। आत्मविश्वास में
गुरुवार, 23 सितंबर, 2021 पंचांग विक्रम संवत – 2078, आनंद शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – अश्विनी अमंत मास – भाद्रपद तिथि कृष्ण पक्ष द्वितीया – 22 सितंबर 05:52 पूर्वाह्न – 23 सितंबर 06:54 पूर्वाह्न कृष्ण पक्ष तृतीया – 23 सितंबर 06:54 पूर्वाह्न – 24 सितंबर 08:30 पूर्वाह्न नक्षत्र
नई दिल्ली: हिन्दू शास्त्र के अनुसार पूरे साल भर में 15 दिन ऐसे होते हैं जिन्हे श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष के तौर पर पूजा जाता है। हिन्दू रीति रिवाज में इन 15 दिनो का एक विशेष स्थान माना गया है। दरअसल, ऐसा मान जाता है, साल के यही 15
मेष राशिफल कारोबारी योजनाएं बना सकते हैं। सेहत ठीक रहेगी। परिवार के लोगों से बेहतर संतुलन रहेगा। कानूनी बाधा दूर होंगी। नए कार्यों के दृष्टिकोण से दिन आप के लिए अनुकूल है। बुजुर्गों की सलाह लें। शत्रुओं से सतर्क रहें। आप किसी बात को लेकर चिंतित रहेंगे। आपका किसी से
पंचांग • बुधवार, 22 सितंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – अश्विनी अमंत मास – भाद्रपद तिथि कृष्ण पक्ष द्वितीया [तिथि वृद्धि] – 22 सितंबर 05:52 पूर्वाह्न – 23 सितंबर 06:54 पूर्वाह्न नक्षत्र रेवती – 22 सितंबर 05:06 पूर्वाह्न – 23 सितंबर 06:44