DK Shivakumar's statement on Chamundi Hill: कर्नाटक विधानसभा में आरएसएस गान सुनाने वाले डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के एक और बयान से सियासी घमासान छिड़ गया है। डीके शिवकुमार ने मैसुरू स्थित चामुंडी हिल को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चामुंडी हिल जहां प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है और 'देवी चामुंडी' हर धर्म की हैं, यह केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं हैं। उनके इस बयान का विपक्षी दल भाजपा ने जोरदार विरोध किया है।
DK Shivakumar’s statement on Chamundi Hill: कर्नाटक विधानसभा में आरएसएस गान सुनाने वाले डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के एक और बयान से सियासी घमासान छिड़ गया है। डीके शिवकुमार ने मैसुरू स्थित चामुंडी हिल को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चामुंडी हिल जहां प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है और ‘देवी चामुंडी’ हर धर्म की हैं, यह केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं हैं। उनके इस बयान का विपक्षी दल भाजपा ने जोरदार विरोध किया है।
जानकारी के अनुसार, 22 सितंबर को चामुंडी हिल की चोटी पर विश्व प्रसिद्ध ‘मैसुरू दशहरा-2025’ समारोह का आयोजन होना है। जिसके समारोह का उद्घाटन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित बानू मुश्ताक को सरकारी निमंत्रण दिया गया। जिसके विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए डीके शिवकुमार ने यह बयान दिया है। शिवकुमार ने कहा, ‘चामुंडी हिल और देवी चामुंडी हर धर्म की हैं, यह केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं है। सभी समुदायों के लोग चामुंडी हिल जाते हैं और देवी की पूजा करते हैं, यह उनकी आस्था है। हम चर्च, जैन मंदिर, दरगाह, गुरुद्वारे जाते हैं।’ उन्होंने मुश्ताक के विरोध को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया।
शिवकुमार के बयान पर विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक और मैसुरू के सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आर अशोक ने कहा, “चामुंडी पहाड़ी पक्के तौर पर हिंदुओं की संपत्ति है, मुसलमानों की नहीं।” भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने राज्य सरकार द्वारा मुश्ताक को दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करने के फैसले पर आपत्ति जताई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र सहित पार्टी के कई नेताओं ने सोमवार को मुश्ताक से दशहरा का उद्घाटन करने की सहमति देने से पहले देवी चामुंडेश्वरी के प्रति उनकी श्रद्धा स्पष्ट करने को कहा था। सोशल मीडिया पर मुश्ताक का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कन्नड़ भाषा को ‘देवी भुवनेश्वरी’ के रूप में पूजने पर आपत्ति जताई थी। इस पर मुश्ताक का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उनके पुराने भाषण के कुछ चुनिंदा हिस्सों को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है।