यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के पास से जो लिस्ट मिली है उसमें एक मुरादाबाद कि भी एक युवती है। साथ ही, अनुसूचित जाति एवं जनजाति को समाज कल्याण विभाग द्वारा आवंटित की गई 35 दुकानों में से 3 दुकानों पर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के करीबियों का कब्जा है।
मुरादाबाद। यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के पास से जो लिस्ट मिली है उसमें एक मुरादाबाद कि भी एक युवती है। साथ ही, अनुसूचित जाति एवं जनजाति को समाज कल्याण विभाग द्वारा आवंटित की गई 35 दुकानों में से 3 दुकानों पर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के करीबियों का कब्जा है। इनमें से दो दुकान दानवीर और उसके भाई को अवंटित है। कब्जा नहीं मिलने पर संबंधित अधिकारी को शिकायत की गयी थी। चेलो को शिकायत होने पर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने मुरादाबाद आकर खुद दानवीर को जान से मारने की धमकी दी थी।
दरअसल, मुरादाबाद के बिलारी थाने क्षेत्र के ग्राम पंचायत नूरुद्दीनपुर गंज के रहने वाले दानवीर सिंह ने साल 2020 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति को समाज कल्याण विभाग द्वारा दी गई 1983 में आवंटित की गई 35 दुकानों की शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि दुकानों में 80 प्रतिशत से अधिक कब्जा मुस्लिम समुदाय के लोगों का है। इसकी जांच तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर कुमार द्वारा की गयी और जांच में सभी दावे सही पाए गए थे। तब उनके द्वारा अवैध तरीके से रह रहे भूमाफियाओं को नोटिस दिए गए थे।
इस नोटिस का जवाब न मिलने पर तब दुकानों का निरस्तीकरण कर दिया गया था। इसके बाद विधिपूर्वक 2020 में कुछ दुकानों को आवंटित भी कर दिया गया। इसी में दो दुकान दानवीर और उसके भाई को अवंटित हुई लेकिन अब भी जलालुद्दीन ऊर्फ छागुर बाबा के करीबियों ने कब्जा नहीं दिया था। छांगुर बाबा के करीबियों ने अभी तक इन दुकानों से अपना कब्जा नहीं छोड़ा है। जिसकी शिकायत करने पर समाज कल्याण विभाग ने दुकानों पर नोटिस चस्पा कर दिया था। जिसके बाद जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा इनोवा कार से अपने दो साथियों के साथ मुरादाबाद आया और बिलारी में जाकर दानवीर को शिकायत वापस लेने की धमकी दी थी।
दानवीर ने जब जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की जानकारी की तो पता चला की यह बड़े स्तर से धर्मान्तरण का काम करता है और ATS इसकी तलाश कर रही है तब किसी तरह से दानवीर ने ATS का मोबाइल नंबर लेकर अपने बारे में जानकारी दी थी। दानवीर को करीब 6 महीने पहले लखनऊ ATS ने कार्यालय बुलाया था और बयान दर्ज भी किए थे। उसके बाद जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के 3 गुर्गे 2 बाइक से मुरादाबाद आये और एक बार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का नाम लेकर शिकायत वापस लेने को कहा और अगर शिकायत वापस नहीं लेता है तो सर तन से जुदा की धमकी देकर चले गए। जब से दानवीर का परिवार खौफ के साय में जी रहा है। सरकारी दस्तावेज में दुकाने इन दोनों के नाम पर आंवटित हुई हैं लेकिन 5 साल से विभाग पीड़ितों कब्जा नहीं दिला सका है।
विदेशी फंडिंग और करोड़ों की संपत्ति
छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। एटीएस की जांच में सामने आया कि, इसको विदेशी फंडिंग होती थी। गिरोह के सदस्यों ने इस्लामिक देशों की लगभग 40 यात्राएं कीं और 40 से अधिक बैंक खातों में करीब ₹100 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है। इन खातों में कुछ व्यक्तिगत नामों से हैं, जबकि कुछ कथित धार्मिक या सामाजिक संस्थाओं के नाम पर खोले गए थे। छांगुर ने इन पैसों से शोरूम, लग्जरी गाड़ियां और बंगले खरीदा है।
रिपोर्ट-सुशील कुमार सिंह