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ऑस्ट्रेलिया की नवनिर्वाचित सांसद बच्चे को गोद में लेकर दिया अपना पहला भाषण, एक मां में दिखी नेता की झलक

संसद में एक मां ने ऐसा कदम उठाया की कामकाजी माताओं को एक सशक्त संदेश भी दिया है। ऑस्ट्रेलिया में एक नवनिर्वाचित महिला सांसद ने अपने दुध पीते बच्चे को गोद में लेकर संसद में अपना पहला भाषण दिया। क्वींसलैंड से लेबर पार्टी की नवनिर्वाचित सीनेटर कोरिन मुलहोलैंड (Senator Corinne Mulholland) ने संसद में भाषण के दौरान तीन महीने के बेटे ऑगी को गोद में उठाकर सदन को संबोधित किया।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। संसद में एक मां ने ऐसा कदम उठाया की कामकाजी माताओं को एक सशक्त संदेश भी दिया है। ऑस्ट्रेलिया में एक नवनिर्वाचित महिला सांसद ने अपने दुध पीते बच्चे को गोद में लेकर संसद में अपना पहला भाषण दिया। क्वींसलैंड (Queensland) से लेबर पार्टी (Labor Party) की नवनिर्वाचित सीनेटर कोरिन मुलहोलैंड (Senator Corinne Mulholland) ने संसद में भाषण के दौरान तीन महीने के बेटे ऑगी को गोद में उठाकर सदन को संबोधित किया। भाषण की शुरुआत में उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि मैं दुआ कर रही हूं कि मैं और ऑगी बिना किसी मुश्किल के ये भाषण पूरा कर पाएं।

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कोरिन मुलहोलैंड (Senator Corinne Mulholland) ने अपने भाषण में कहा कि उनका बेटा कोई प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उन्हें याद दिलाने का माध्यम है कि वे संसद में क्यों हैं। उन्होंने कहा मैं क्वींसलैंड के बाहरी इलाके से आई एक मां हूं, एक पत्नी हूं। मैं अपनी मातृत्व ऊर्जा सीनेट में लेकर आना चाहती हूं।

उन्होंने कामकाजी माता-पिता की चुनौतियों को लेकर भी खुलकर बात की। उनका मानना है कि अब वक्त आ गया है कि सिर्फ संसद ही नहीं, बल्कि समाज भी कामकाजी परिवारों के लिए ज्यादा लचीला और अनुकूल माहौल बनाए। उन्होंने कहा मैं चाहती हूं कि हर परिवार को यह आजादी मिले कि वे कैसे, कब और कहां काम करें। कोरिन का यह कदम केवल व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक और राजनीतिक संदेश भी था। संसद में मां बनकर रहना संभव है और एक महिला अपने बच्चे के साथ भी प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी निभा सकती है। भाषण के दौरान ऑगी शांत रहा, लेकिन आखिर में कोरिन को उसे एक अन्य सीनेटर को सौंपना पड़ा। यह दृश्य देखकर पूरा सदन भावुक हो गया।

कोरिन मुलहोलैंड (Corinne Mulholland) का यह भाषण न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई संसद (Australian Parliament) के लिए, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी महिला प्रतिनिधित्व और मातृत्व के नए प्रतिमान की तरह देखा जा रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि राजनीति में संवेदना, पारिवारिक जिम्मेदारियों और लचीलेपन के लिए अब ज्यादा जगह बन रही है।

रिपोर्ट: सतीश सिंह

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