1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. EVM की विश्वसनीयता फिर सवालों के घेरे में, मुंबई पुलिस ने शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ FIR दर्ज

EVM की विश्वसनीयता फिर सवालों के घेरे में, मुंबई पुलिस ने शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ FIR दर्ज

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर (Shiv Sena Shinde faction MP Ravindra Waikar) के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम (EVM) की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर (Shiv Sena Shinde faction MP Ravindra Waikar) के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम (EVM) की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है। इस पर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग (Election Commission) और केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government ) पर निशाना साधा है।

पढ़ें :- 'तबाही का मंजर दुखद है... ' प्लेन क्रैश वाली जगह के दौरे के बाद PM मोदी का छलका दर्द

बता दें कि मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर (Shiv Sena Shinde faction MP Ravindra Waikar)  के साले के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने ये एफआईआर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनवा सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने का आरोप में दर्ज की है। इसके साथ ही पुलिस ने मंगेश पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। इस मामले को लेकर नॉर्थ पश्चिम सीट से लड़ने वाले कई उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से शिकायतें मिली थीं, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है। नॉर्थ पश्चिम सीट से रविंद्र वायकर रीकाउंसलिंग के बाद मात्र 48 वोटों से चुनाव जीते थे,जिसको लेकर मतगणना के वक्त भी काफी विवाद हुआ था।

क्या है मामला?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग (Election Commission) के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है। ये फोन पांडिलकर इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस को शक है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम साढ़े चार बजे तक किया गया है। इसी दौरान दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। ईसीआई (CIC) के पास सभी सीसीटीवी फुटेज हैं जो अब मुंबई पुलिस को सौंप दिए गए हैं।

जांच के लिए बनी 3 टीमें

पढ़ें :- सुब्रमण्यम स्वामी बोले- PM मोदी, गृह मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री इस्तीफा दें ताकि स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच हो सके

मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस (Mumbai Police)  ने बनाई तीन टीमें। आज से पुलिस चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी जो जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस हमारे फोन की सीडीआर ले रही है और मोबाइल नंबर की सारी जानकारी प्राप्त कर रही है। फोन जब्त कर लिया गया है। पुलिस यह जानना चाहती है कि कॉल किसे किए गए और कितने ओटीपी प्राप्त हुए। पुलिस यह भी जानना चाहती है कि उस फोन पर कॉल आई थी या नहीं। नियमों के अनुसार। ओटीपी जनरेट होने के बाद फोन को आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) पुलिस को देना होगा जो यह जांच करेगा कि फोन वापस क्यों नहीं लिया गया।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...