केंद्र सरकार ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफार्मों और व्यक्तियों से अपील की है कि वे रक्षा अभियानों (Defense Operations) और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के लाइव कवरेज या वास्तविक समय रिपोर्टिंग से बचें। इस तरह की संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा ऑपरेशनल प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है। लोगों की जान को जोखिम में डाल सकता है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफार्मों और व्यक्तियों से अपील की है कि वे रक्षा अभियानों (Defense Operations) और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के लाइव कवरेज या वास्तविक समय रिपोर्टिंग से बचें। इस तरह की संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा ऑपरेशनल प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है। लोगों की जान को जोखिम में डाल सकता है।
All media channels, digital platforms and individuals are advised to refrain from live coverage or real-time reporting of defence operations and movement of security forces. Disclosure of such sensitive or source-based information may jeopardize operational effectiveness and…
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) May 9, 2025
ऐसी घटनाएं, जैसे कि कारगिल युद्ध, 26/11 के हमले (26/11 Attack) और कंधार अपहरण (Kandahar hijack) , यह सिद्ध करती हैं कि अत्यधिक शीघ्र रिपोर्टिंग से न केवल सैन्य अभियानों की सफलता पर असर पड़ सकता है, बल्कि आतंकवादियों को भी लाभ मिल सकता है। इसीलिए, सरकार ने स्पष्ट किया है कि केबल टेलीविज़न नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के धारा 6(1)(p) के तहत केवल आधिकारिक अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय-समय पर ब्रीफिंग की अनुमति दी जाती है, खासकर आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान।
सभी संबंधित पक्षों को जागरूकता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने का आह्वान किया गया है, ताकि राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों का पालन किया जा सके। यह न केवल देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि नागरिकों के जीवन की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।