अधिकतर लोगो की आदत होती है बाहर कहीं से आने पर तुंरत फ्रिज से पानी की बोतल निकाला और खड़े खड़े पानी पीना शुरु कर दिया। इतना ही नहीं पानी को गिलास में निकालकर पीने की बजाय डायरेक्ट बोतल से पानी पीने लगते है। ये आदत शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। पानी को हमेशा बाहर से आने पर थोड़ी देर रुक कर बैठ कर आराम से गिलास में निकाल कर पीना चाहिए।
अधिकतर लोगो की आदत होती है बाहर कहीं से आने पर तुंरत फ्रिज से पानी की बोतल निकाला और खड़े खड़े पानी पीना शुरु कर दिया। इतना ही नहीं पानी को गिलास में निकालकर पीने की बजाय डायरेक्ट बोतल से पानी पीने लगते है। ये आदत शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। पानी को हमेशा बाहर से आने पर थोड़ी देर रुक कर बैठ कर आराम से गिलास में निकाल कर पीना चाहिए।
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से प्यास नहीं बुझ पाती है और बार-बार पानी पीने का मन करता रहता है। इसलिए जब भी पानी पिएं तो बैठकर ही पिएं।पानी पाचन क्रिया दुरुस्त रखने में मदद करता है लेकिन अगर उसे पीने का तरीका सही न हो तो पाचन क्रिया बिगड़ भी सकती है। दरअसल, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो वह तेजी से नीचे चला जाता है और पेट के निचले हिस्से में पहुंचकर पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचा सकता है।
खड़े होकर पानी पीने का असर ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे किडनी से भी जोड़ते हैं, उनका कहना है कि अगर खड़े होकर पानी पीते हैं तो किडनी की सेहत पर असर पड़ सकता है, इसलिए आराम से बैठकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि खड़े-खड़े पानी पीने से जोड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
इससे अर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या हो सकती है। खड़े होकर पानी पीने से नसों में तनाव आ जाता है और शरीर में फ्लूइड बैलेंस बिगड़ सकता है, जिससे जॉइंट पेन हो सकता है।फेफड़ों से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं तो खड़े होकर पानी गलती से भी न पिएं।जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो उस वक्त ऑक्सीजन लेवल प्रभावित होता है, जिसका निगेटिव असर फेफड़ों से लेकर हार्ट तक पर पड़ता है।