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Heath Tips: कहीं आप भी ChatGPT के भरोसे तो नहीं करते अपना इलाज, यहां नमक की जगह शख्स ने खा लिया जहर

आज कल आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग इतना  बढ़ गया है कि लोग छोटी से छोटी चीज़ के लिए इसका यूज करते हैं। यहाँ तक कि लोग दावा के बारे में जाने के लिए भी  चैटजीपीटी या चैटबॉट का यूज करते हैं। कभी कभी ये आइडिया खारनाक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं।अमेरिका से  एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां  एक व्यक्ति एआई  ने की सलाह मानकर इतना बीमार हो गया कि उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा.

By Aakansha Upadhyay 
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आज कल आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग इतना  बढ़ गया है कि लोग छोटी से छोटी चीज़ के लिए इसका यूज करते हैं। यहाँ तक कि लोग दावा के बारे में जाने के लिए भी  चैटजीपीटी या चैटबॉट का यूज करते हैं। कभी कभी ये आइडिया खारनाक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं।अमेरिका से  एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां  एक व्यक्ति एआई  ने की सलाह मानकर इतना बीमार हो गया कि उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा.

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एआई ने सुझाया खतरनाक विकल्प

दरअसल, यह व्यक्ति स्वास्थ्य को लेकर बहुत सतर्क था और अक्सर टेबल सॉल्ट (नमक) के नुकसान के बारे में पढ़ता रहता था. एक दिन उसने चैटजीपीटी से पूछा कि नमक की जगह क्या इस्तेमाल किया जा सकता है. एआई ने कई विकल्प बताए, जिनमें एक था “सोडियम ब्रोमाइड”. चैटबॉट ने यह तो बताया कि यह क्लोराइड का विकल्प है, लेकिन यह नहीं बताया कि यह इंसानों के लिए खतरनाक हो सकता है.

व्यक्ति ने इस सलाह को सच मान लिया और बिना डॉक्टर से पूछे करीब तीन महीने तक सोडियम ब्रोमाइड का सेवन करने लगा. शुरुआत में तो सब ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे उसकी सेहत बिगड़ने लगी. उसे बार-बार कंफ्यूजन होने लगा, अजीब खयाल आने लगे और वह लोगों पर शक करने लगा. उसकी याद दाश बिगड़ गयी। दिन पर दिन युवक का मानसिक हालत बहुत बेकार  हो गया था।  यहाँ तक ही युवक को लागने लगा कि उसका पड़ोसी उसे जहर दे रहा है.

धीरे-धीरे बिगड़ी सेहत

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सोडियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल पहले नींद की कमी और चिंता की बीमारी में किया जाता था, लेकिन इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स के कारण इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया. आज यह ज्यादातर पशु-चिकित्सा की दवाओं और औद्योगिक उत्पादों में पाया जाता है. इसलिए इंसानों में इसके ज़हर का मामला बेहद दुर्लभ है.

जब व्यक्ति की हालत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि वह “ब्रोमाइड टॉक्सिसिटी” का शिकार हो गया है. उसे तुरंत इंट्रावीनस फ्लूइड और एंटीसाइकोटिक दवाएं दी गईं. धीरे-धीरे उसकी हालत सुधरी और एक हफ्ते बाद वह सामान्य बातचीत करने लगा. तीन सप्ताह के इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

डॉक्टरों ने दी चेतावनी

बाद में डॉक्टरों ने यह भी बताया कि जब उन्होंने चैटजीपीटी से वही सवाल पूछा, तो उसने फिर से ब्रोमाइड को विकल्प के रूप में सुझाया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह इंसानों के लिए असुरक्षित है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से हमें पता चलता है कि एआई से मिली जानकारी हमेशा पूरी और सुरक्षित नहीं होती, खासकर सेहत और दवाओं के मामले में. एआई लक्षण तो बता सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह सभी संभावित कारण और जोखिम भी बताए. जैसे, वजन कम होना कैंसर का लक्षण हो सकता है, लेकिन यह कई अन्य बीमारियों में भी होता है. इसलिए सेहत से जुड़े मामलों में हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. इंटरनेट और एआई से मिली जानकारी केवल शुरुआती समझ के लिए हो सकती है, इलाज का आधार नहीं.

 

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