मां दुर्गा को शक्ति का स्वरूप माना जाता है, जिनकी पूरे देश भर में पूजा-अर्चना की जाती है। सावन माह में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा अर्चना के लिए दुर्गाष्टमी का दिन विशेष माना जाता है।
Durga Ashtami Sawan : मां दुर्गा को शक्ति का स्वरूप माना जाता है, जिनकी पूरे देश भर में पूजा-अर्चना की जाती है। सावन माह में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा अर्चना के लिए दुर्गाष्टमी का दिन विशेष माना जाता है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,इस दिन व्रत रखने से मां दुर्गा की असीम कृपा बरसती है। इस बार अष्टमी तिथि पर शुभ योग का संयोग बन रहा है।
दुर्गा अष्टमी
सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 1 अगस्त को सुबह 4 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 2 अगस्त को सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर होगी। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा निशा काल में होती है, इसलिए 01 अगस्त को सावन महीने की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।
शुभ योग
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस खास मौके पर शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है, जो कि रात भर बना रहेगा, जिसे बहुत ही मंगलकारी योग माना जाता है। इस दौरान कोई भी कार्य करने से ज़रूर सफलता हाथ लगती है। बता दें कि इस दिन शुभ योग, भद्र वास योग, भद्र योग सहित कई अन्य कल्याणकारी योग बन रहे हैं। इस दौरान पूजा करने पर साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा।
धन-धान्य की वृद्धि
मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह दिन नकारात्मक शक्तियों को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और सुख-शांति बनी रहती है। अविवाहित कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रखती हैं।