लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के अंदर घमासान मचा हुआ है। पूर्व सांसद संजय निरुपम को गुरुवार पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉफ्रेंस करके पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, मैंने कल एक घोषणा की और मल्लिकार्जुन खरगे जी को अपना इस्तीफा भेज दिया। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है।
महाराष्ट्र। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के अंदर घमासान मचा हुआ है। पूर्व सांसद संजय निरुपम को गुरुवार पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉफ्रेंस करके पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, मैंने कल एक घोषणा की और मल्लिकार्जुन खरगे जी को अपना इस्तीफा भेज दिया। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, पहले कांग्रेस पार्टी में एक पावर सेंटर हुआ करता था लेकिन इस समय कांग्रेस पार्टी में पांच पावर सेंटर हैं और पांचों की अपनी लॉबी है जो आपस में टकराती रहती है। इन पांचों सेंटर में सबसे पहले सोनिया गांधी हैं, दूसरे सेंटर में राहुल गांधी, तीसरे में प्रियंका गांधी, चौथे में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आखिरी में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जी हैं… यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं।
कहा जा रहा है कि, संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे। हालांकि, आगामी संसदीय चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) ने इस सीट से अपने उम्मीदवार का एलान कर दिया था। इसके बाद संजय निरुपम की नाराजगी सामने आई थी और उन्होंने बागी तेवर दिखाए थे। इस पर बुधवार को कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची से निरुपम का नाम हटा दिया।
इसके बाद निरुपम ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है, इसलिए उसे खुद को बचाने के लिए स्टेशनरी और ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) द्वारा खुद को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।