उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार एक दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे। जानकीपुरम स्थित एकेटीयू में आयोजित राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक 'चुनौतियां मुझे पसंद हैं' के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्राद मौर्य, ब्रजेश पाठक, समेत अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद पुस्तक का विमोचन किया।
लखनऊ। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार एक दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे। जानकीपुरम स्थित एकेटीयू में आयोजित राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्राद मौर्य, ब्रजेश पाठक, समेत अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद पुस्तक का विमोचन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में महाकुंभ के बाद पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है जिसमें उपराष्ट्रपति का आगमन है। ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ पुस्तक राज्यपाल के जीवन पर आधारित महत्वपूर्ण कृति है। जीवन के हर पहलू को 14 अध्याय में संजोया गया है। जैसे समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे, वैसा ही है।
अगर चुनौती नहीं है तो फिर जीवन का सार भी बेकार हो जाता है।
यह भी सच है कि अवसर सबको मिलते हैं लेकिन कुछ निखर जाते हैं, कुछ बिखर जाते हैं।
निखरते वही हैं जो लोग चुनौती को स्वीकार करते हुए हंसते-हंसते उसको गले लगाकर अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं। बिखरते वही हैं जो चुनौती से पलायन… pic.twitter.com/xIWo5qVfhj
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— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 1, 2025
उन्होंने आगे कहा, हम सभी के सामने अक्सर चुनौतियां आती हैं। मुझे लगता है कि चुनौती नहीं है तो जीवन का सार भी नष्ट हो जाता है और अगर चुनौतियां हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि जीवन में अवसर सभी को मिलते हैं लेकिन कुछ बिखर जाते हैं और कुछ निखर जाते हैं। निखरते वहीं हैं, जो चुनौती को स्वीकार कर हस्ते-हस्ते उसे गले लगाकर अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं। उनकी (राज्यपाल आनंदीबेन पटेल) जीवनी पर आधारित यह पुस्तक लोगों के लिए एक नई प्रेरणा है।
सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि किसान परिवार में जन्म लेकर शून्य से शिखर तक की यात्रा तय करना। किसी वैष्णव, किसान परिवार में सात दशक पहले कोई बेटी पढ़े, यह उस समय कल्पना थी। उस कल्पना को अपनी जिजीविषा से राज्यपाल ने आगे बढ़ाया। माता-पिता के संस्कार, संघर्ष से आगे बढ़ीं। एक शिक्षक, प्रधानाचार्य, मंत्री, सीएम अब राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल एवं कार्यक्रमों को जानने का अवसर हम सभी को मिलता है। उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। हमें उनका मार्गदर्शन मिले।