अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, उप्र में भाजपा के तथाकथित अमृतकाल की इससे दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर और क्या हो सकती है कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाला किसान आज अपनी ज़मीन को बचाने के लिए ख़ुद को आग लगाने पर मजबूर हो रहा है।
लखनऊ। मेरठ में एक किसान ने एसडीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। इसमें किसान बुरी तरह से आग में झुलस गया है और उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस घटना को लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, भाजपा खेती और किसान दोनों की विरोधी है। जबसे भाजपा आई है तबसे उसकी बुरी नज़र किसानों की ज़मीन पर भी है और उनकी पैदावार पर भी।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, उप्र में भाजपा के तथाकथित अमृतकाल की इससे दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर और क्या हो सकती है कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाला किसान आज अपनी ज़मीन को बचाने के लिए ख़ुद को आग लगाने पर मजबूर हो रहा है। मेरठ में वन विभाग द्वारा अपनी ज़मीन हड़पे जाने के बाद कई बार कोशिश करने पर भी सुनवाई न होने से हताश होकर ख़ुद को आग लगाने वाले किसान को सबसे पहले अच्छे से अच्छा इलाज सुनिश्चित कर बचाया जाए और फिर उसकी ज़मीन लौटाई जाए।
मवाना के एसडीएम अखिलेश यादव ऑफिस के बाहर एक किसान ने खुद को आग लगा ली है, लेकिन जब तक लोग जल रहे किसान को बचाने के लिए कोई कदम उठा पाते और आग को बुझा पाते तब तक किसान का शरीर काफी हद तक जल चुका था। किसान का नाम जगवीर बताया जा रहा है। pic.twitter.com/qy9wJf8EQB
— santosh singh (@SantoshGaharwar) January 5, 2024
इसके साथ ही लिखा कि, भाजपा खेती और किसान दोनों को विरोधी है। जबसे भाजपा आई है तबसे उसकी बुरी नज़र किसानों की ज़मीन पर भी है और उनकी पैदावार पर भी। चाहे भूमि के अधिग्रहण का क़ानून रहा हो, खाद की बोरी में चोरी, महंगे बीज, बिजली, सिंचाई के रूप में लगातार बढ़ती कृषि लागत और फसल की लगातार घटती क़ीमत या काले क़ानून सब भाजपा की किसान विरोधी सोच का उदाहरण हैं। किसान भाजपा का दाना-पानी उठा देंगे।