जौनपुर के बेलाव घाट डबल मर्डर केस में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) का गुरुवार को बड़ा फैसला आया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को इस मामले में बरी कर दिया। बता दें कि यह डबल मर्डर (Double Murder) केराकत थाना (Kerakat Police Station) क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2010 को हुआ था।
जौनपुर। जौनपुर के बेलाव घाट डबल मर्डर केस में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) का गुरुवार को बड़ा फैसला आया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को इस मामले में बरी कर दिया। बता दें कि यह डबल मर्डर (Double Murder) केराकत थाना (Kerakat Police Station) क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2010 को हुआ था।
घटना के दिन बेलाव घाट पर संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में धनंजय सिंह समेत 5 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें आशुतोष सिंह और पुनीत सिंह भी शामिल थे।
शुरुआती जांच में पुलिस ने सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी (CBCID) को सौंपी गई थी। सीबीसीआईडी (CBCID) ने जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। एडीजे प्रथम एमपी सिंह (ADJ First MP Singh) की कोर्ट में यह मामला चल रहा था। अब कोर्ट ने सभी सबूतों की समीक्षा के बाद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को बरी कर दिया।
धनंजय सिंह बोले- हमेशा न्याय मिलने का था भरोसा
बरी होने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Former MP Dhananjay Singh) ने कहा कि मुझे न्यायपालिका से हमेशा न्याय मिलने का भरोसा था। आखिरकार 15 साल बाद इंसाफ मिल गया। पूरा मामला राजनीतिक था और मुझे जान-बूझकर फंसाया गया था।
मैं उस समय सांसद था और एक बैठक में भाग लेने गया था। उसी मामले को राजनीतिक रंग देकर मुझे फंसाने की कोशिश की गई। मुझे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, जिले में प्रवेश करने से भी रोका गया। यहां तक कि जिले में धारा-144 लगा दी गई थी। आपको सब कुछ मालूम है। आज उसी मामले में फैसला आया है। यह मामला बहुत लंबा खिंचा, करीब 15 साल लगे, तब जाकर न्याय मिल पाया।
यह पूरी तरह से राजनीतिक रूप से प्रेरित मामला था। 2010 में जो घटना घटी, उसमें सीबीसीआईडी (CBCID) ने अपनी रिपोर्ट भी दाखिल की थी। फिर भी दोबारा जांच कराई गई। 2012 में चुनाव थे। कुछ लोग चाहते थे कि हम जेल चले जाएं।
क्या है बेलाव घाट हत्याकांड?
घटना 1 अप्रैल, 2010 की है। सुबह 5.15 बजे बेलाव घाट पर टोल टैक्स को लेकर झगड़ा हुआ था। इस दौरान राजेंद्र के बेटे संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि पूर्व सांसद धनंजय और आशुतोष के उकसाने पर पुनीत सिंह और सुनीत सिंह ने दोनों की हत्या की थी।
पूर्व सांसद पर 40 से अधिक केस है दर्ज
धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) पर जौनपुर, लखनऊ और दिल्ली सहित अन्य जगह 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा 19 मुकदमे लखनऊ के विभिन्न थानों में हैं। धनंजय 50 हजार के इनामी भी रह चुके हैं।