पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर 23 नवंबर को 8 लोगों ने चलती कार में बारी-बारी से युवती से गैंगरेप किया। पीड़िता का कहना है कि मैंने जब हिम्मत जुटा कर इसका विरोध किया तो दरिंदों ने मेरे साथ मारपीट की। दरिंदों के सामने 'मैं चीखती रही..इज्जत की दुहाई देती रही, लेकिन हैवान कार की पिछली सीट पर मेरी इज्जत लूटते रहे।
लखनऊ। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर 23 नवंबर को 8 लोगों ने चलती कार में बारी-बारी से युवती से गैंगरेप किया। पीड़िता का कहना है कि मैंने जब हिम्मत जुटा कर इसका विरोध किया तो दरिंदों ने मेरे साथ मारपीट की। दरिंदों के सामने ‘मैं चीखती रही..इज्जत की दुहाई देती रही, लेकिन हैवान कार की पिछली सीट पर मेरी इज्जत लूटते रहे। पीड़िता ने बताया कि तीन घंटे तक चलती कार में मेरे साथ गैंगरेप हुआ। कार सिर्फ उतनी देर के लिए रुकती, जब फॉलोअप कार से दूसरा युवक हमारी कार में आता।
बता दें कि यह दर्द उस पीड़िता ने बयां किया है, जिसके साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर 23 नवंबर को गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस समय से मुकदमा नहीं दर्ज किया। अब तक पकड़े गए तीन लोगों को जेल नहीं भेजा गया, जबकि तीनों से थाने पर मेरा आमना-सामना कराया गया था। दबिश और गिरफ्तारी के दौरान मेरे पति भी मौजूद थे।
पीड़िता ने मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। पीड़िता परिवार के साथ कृष्णा नगर में रहती है। वह 23 नवंबर की रात पीजीआई इलाके के अशोक वाटिका में दो सहेलियों में मिलने गई थी। रात 10 बजे घर जाने के लिए कैब बुक की। दोनों सहेलियां कैब में बैठी थीं। एक परिचित बात करने के लिए रोका। इसके बाद कार सवार युवकों ने मारपीट कर अगवा कर लिया।
गैंगरेप की शिकार महिला बताया कि होटल से लौटते समय स्विफ्ट डिजायर गाड़ी से कुछ लोग आए। इसमें एक परिचित छोटू था। उसने दीदी कहकर जरूरी बात करने के लिए रोका था। बात कर रही थी तभी किशन यादव कार में बैठने के लिए कहता है। इनकार करने पर विवेक यादव थप्पड़ मारा। दोनों के इरादे ठीक नहीं थे। मैं बचने के लिए होटल की तरफ भागी। तब तक किशन पीछे से बाल पकड़कर गाड़ी में खींच लिया।
इसके बाद फुटरेस्ट वाली जगह में लिटाकर मारपीट शुरू कर दी। गाड़ी में पांच लोग मौजूद थे। इसमें सीमा नाम की एक लड़की भी थी। इसी बीच किशन ने सुनील यादव उर्फ जेठा को फोन करके कहा कि हम भाई दोस्ती में गद्दारी नहीं करते। तुम लोग उठा नहीं पाए। हमने उठा लिया।
किशन की गाड़ी के साथ दो और गाड़ी अर्जुनगंज होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की तरफ चल दी। तीन घंटे (100 से 150 किलोमीटर) गाड़ियां चलती रहीं। इस दौरान किशन यादव, विवेक यादव, अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, रंजीत यादव, सुनील यादव, शनि आदि ने बारी-बारी से रेप किया। विरोध पर ऐसा करते जो बता नहीं सकती। इन लोगों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। इस दौरान दो से तीन टोल भी पार हुए। यह लौटते वक्त गाड़ी की सीट पर बैठे होने के चलते पता चला।
पीड़िता ने बताया कि गैंगरेप के बाद आरोपी तेलीबाग के पास गंभीर हालत में छोड़कर चले गए। जिसके बाद ऑटो से पीजीआई थाने गई। थाने से ट्रॉमा सेंटर भेजा गया। मेडिकल और इलाज कराने के बाद 28 नवंबर को थाने में शिकायत की। उसके बाद पुलिस जांच के नाम पर दो दिन तक टहलाती रही। उसके बाद रिपोर्ट दर्ज की। अब आरोपियों को पकड़ने के बाद भी जेल नहीं भेज रही। पुलिस का कहना है कि दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बाकी की तलाश कर रही है।
पीड़िता ने बताया, किशन मेरे पति के मामा का लड़का है। अपराधी किस्म का युवक है। जिसके चलते उससे परिवार दूरी बनाकर रहता है। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर यह काम किया।
पुलिस ने आठ के खिलाफ दर्ज किया केस
पीजीआई पुलिस ने बताया कि कन्नौज तिर्वा के रहने वाले किशन यादव के साथ उनके साथी विवेक यादव, अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, रंजीत यादव, सुनील यादव, शनि, सीम के साथ चार-पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी पीड़िता के परिचित हैं। घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।