यूपी के मुख्य सचिव (Chief Secretary UP) मनोज कुमार सिंह (Manoj Kumar Singh) शनिवार को गाजियाबाद पहुंचे हैं, यहां उन्होंने एलान किया कि साप्ताहिक बाजार अब नहीं हटेंगे। श्री सिंह ने बताया कि बाजार जहां लगते थे वही लगेंगे। नगर निगम वैकल्पिक व्यवस्था करेगी। वैकल्पिक व्यवस्था भी दुकानदारों की सहमति के बाद ही तय होगी।
गाजियाबाद । यूपी के मुख्य सचिव (Chief Secretary UP) मनोज कुमार सिंह (Manoj Kumar Singh) शनिवार को गाजियाबाद पहुंचे हैं, यहां उन्होंने एलान किया कि साप्ताहिक बाजार अब नहीं हटेंगे। श्री सिंह ने बताया कि बाजार जहां लगते थे वही लगेंगे। नगर निगम वैकल्पिक व्यवस्था करेगी। वैकल्पिक व्यवस्था भी दुकानदारों की सहमति के बाद ही तय होगी। साथ ही मुख्य सचिव ने कह दिया कि पुलिस को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। पुलिस के साप्ताहिक बाजार हटाने के फैसले के विरोध में खुद बीजेपी के विधायक भी आ गए थे। बीजेपी विधायक ने फैसले के विरोध में सब्जी बेची थी। साथ ही नंगे पैर यात्रा करके जिला मुख्यालय घेरा था। साथ ही साप्ताहिक बाजार जब तक नहीं लगेंगे तब तक अन्न छोड़ने का ऐलान किया था।
गाजियाबाद में साप्ताहिक बाजार का मामला तूल पकड़े हुए था। खुद भारतीय जनता पार्टी से लोनी विधानसभा से विधायक नंदकिशोर गुर्जर (MLA Nand Kishore Gurjar) साप्ताहिक बाजार हटाने के फैसले के विरोध में थे। उन्होंने विरोध जताते हुए सड़क पर सब्जी बेची थी, साथ ही नंगे पैर भी यात्रा की थी। विधायक नंदकिशोर गुर्जर (MLA Nand Kishore Gurjar) ने अन्न त्यागने का भी ऐलान कर दिया था। विधायक के मुताबिक 2 लाख दुकानदार गाजियाबाद में साप्ताहिक बाजार लगते हैं जो भारतीय जनता पार्टी मोदी और योगी के समर्थक है।
साप्ताहिक बाजार मामले में पुलिस नहीं देगी दखल
मुख्य सचिव ने गाजियाबाद में बयान दिया है कि साप्ताहिक बाजार जहां लग रहे थे वही लगेंगे।नगर निगम उसके लिए वैकल्पिक स्थान तलाश करेगी। स्थान भी दुकानदारों की सहमति से ही चयन किया जाएगा। साथ ही मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस इस मामले में दखलंदाजी नहीं कर सकती। यह उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है।
गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) से इस मामले में जानकारी मिली थी कि साप्ताहिक बाजार लगने से लोग एक तरीके से घर में कैद हो जाते हैं। मेडिकल इमरजेंसी से लेकर अन्य किसी काम के लिए अगर किसी व्यक्ति को अपने घर से बाहर जाना हो तो वह संभव नहीं होता है। साथ ही साप्ताहिक बाजार से जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे में गाजियाबाद पुलिस ने साप्ताहिक बाजार लगाने वालों को खाली जगह में बाजार लगाने की सलाह दी थी।