सोने की कीमत बुधवार को एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा (Gold Hits Rs 80 Thousand) पार कर लिया। इंडस्ट्री बॉडीज़ के मुताबिक, निवेशकों के बीच मौजूदा बाजार अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते सोने में निवेश की रुचि बढ़ी है।
नई दिल्ली। सोने की कीमत बुधवार को एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा (Gold Hits Rs 80 Thousand) पार कर लिया। इंडस्ट्री बॉडीज़ के मुताबिक, निवेशकों के बीच मौजूदा बाजार अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते सोने में निवेश की रुचि बढ़ी है। खासकर, अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के कमजोर होने और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों के कारण यह उछाल देखने को मिला है।
डॉलर की कमजोरी ने बढ़ाई सोने की चमक
पिछले हफ्ते डॉलर इंडेक्स ने 110.17 के उच्चतम स्तर पर था, लेकिन हाल के छह में से पांच ट्रेडिंग सत्रों में इसमें गिरावट देखी गई। डॉलर के कमजोर होने से निवेशक डॉलर आधारित संपत्तियों को छोड़कर सोने की ओर रुख कर रहे हैं। आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के समय में सोना हमेशा से एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के डेटा के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत बुधवार को 80,194 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। वहीं, मंगलवार को यह 79,453 रुपये थी। यह उछाल खासकर कमजोर डॉलर और सोने की “सेफ हेवन” अपील की वजह से हुआ।
मुंबई स्थित ऑगमोंट गोल्ड की रिसर्च प्रमुख रेनीषा चैनानी के अनुसार, ट्रंप-युग की नीतियां जैसे उच्च टैरिफ और व्यापार अस्थिरता, सोने की कीमतों में इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह हैं. उनका मानना है कि यदि वैश्विक व्यापार में सुधार होता है और टैरिफ घटाए जाते हैं, तो 2025 के मध्य तक सोने की कीमतें स्थिर हो सकती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक डॉलर मजबूत नहीं होता और व्यापार में स्पष्टता नहीं आती, तब तक सोने की कीमतों में यह बढ़ोतरी जारी रह सकती है। हालांकि, कीमतें बढ़ने से भारत जैसे संवेदनशील बाजारों में खपत पर दबाव बन सकता है।
सोने में निवेश करना सही कदम?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा परिस्थितियों में सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। अगर आप लॉन्ग टर्म में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इस वक्त सोना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।