ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति को शुभ ग्रह कहा जाता है। गुरु ग्रह की चाल बदलने वाली है। देव गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री चाल चलने वाले है।
Guru Grah Mithun Rashi : ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति को शुभ ग्रह कहा जाता है। गुरु ग्रह की चाल बदलने वाली है। देव गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री चाल चलने वाले है। गुरु ग्रह 1 मई 2024 से वृषभ राशि में संचरण कर रहा है और इस स्थिति में साल 2025 तक रहेगा। इस दौरान गुरु ग्रह, वक्री (उल्टी चाल), मार्गी, उदय और अस्त भी होगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 9 अक्टूबर से गुरु ग्रह मिथुन राशि में उल्टी चाल शुरू करेंगे। बृहस्पति की वक्री चाल से तीन राशि वालों के जीवन में खास बदलाव आएगा। आइए जानते हैं गुरु के वक्री होने से किन राशियों का भाग्योदय होगा।
बृहस्पति की राशि मिथुन में उपस्थिति जातक को वाक्पटुता के साथ स्वस्थ बहस करने की क्षमता प्रदान करती है। मिथुन राशि में बृहस्पति और बुध का संयुक्त प्रभाव जातक को वित्तीय प्रबंधन का अच्छा ज्ञान प्रदान करता है, जिससे सफल करियर का मार्ग प्रशस्त होता है।
मिथुन राशि
गुरु ग्रह का वक्री होना इस राशि से के लिए शुभ साबित होगा। काम में जबरदस्त उछाल आयेगा। सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा मिलेगी। मान-सम्मान बढ़ेगा। आमदनी के कई नए स्रोत बनेंगे। करियर में वृद्धि होगी।
वृश्चिक राशि
गुरु वक्री की पूरी अवधि वृश्चिक राशि के लिए अनुकूल साबित होगी। छात्रों को सफलता मिलेगी। कार्यस्थल पर कार्य का बोझ कम होगा। घर-परिवार में धन की स्थिति पहले से अच्छी होगी।
तुला राशि
गुरु ग्रह तुला राशि के 8वें भाव में वक्री होगा। नौकरी-व्यापार में चल रही परेशानियां खत्म होंगी। व्यापार में आर्थिक विस्तार होगा। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। करियर में जबरदस्त उन्नति होगी।