HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. Hariyali Teej Lok Geet: हरियाली तीज पर गाए जाते हैं ये प्रसिद्ध लोकगीत, देखें इन गीतों की लिरिक्स

Hariyali Teej Lok Geet: हरियाली तीज पर गाए जाते हैं ये प्रसिद्ध लोकगीत, देखें इन गीतों की लिरिक्स

Hariyali Teej Lok Geet: हिंदू धर्म में एक विवाहिता महिला के लिए हरियाली तीज का खास महत्व है। हरियाली तीज (Hariyali Teej 2023) के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल यह पर्व 19 अगस्त यानी शनिवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके अलावा हरियाली तीज पर लोकगीत गाने की भी परंपरा है। ऐसे में हम आपको हरियाली तीज पर गए जानेवाले कुछ प्रसिद्ध लोकगीत लेकर आए हैं। 

By Abhimanyu 
Updated Date

Hariyali Teej Lok Geet: हिंदू धर्म में एक विवाहिता महिला के लिए हरियाली तीज का खास महत्व है। हरियाली तीज (Hariyali Teej 2023) के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल यह पर्व 19 अगस्त यानी शनिवार के दिन मनाया जाएगा।

पढ़ें :- Research Report : 35 साल के युवाओं की हृदय की धमनियों में 65 की उम्र वाला मिल रहा है ब्लॉकेज, मिला चौंकाने वाला तथ्य

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दिन विधि विधान से पूजा-पाठ करने पर महिलाओं को अखण्ड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके अलावा हरियाली तीज पर लोकगीत गाने की भी परंपरा है। ऐसे में हम आपको हरियाली तीज पर गए जानेवाले कुछ प्रसिद्ध लोकगीत लेकर आए हैं।

हरियाली तीज पर गए जानेवाले कुछ प्रसिद्ध लोकगीत

1. झुला झूल रही सब सखियां

झुला झूल रही सब सखियां, आई हरयाली तीज आज,

पढ़ें :- Video-कब्ज,एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं में बासी रोटी खाना है अच्छा विकल्प

राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग,

झुला झूल रही सब सखियां, आई हरयाली तीज आज,

नैन भर के रस का प्याला देखे, श्यामा को नंद लाला,

घन बरसे उमड़-उमड़ के देखो नृत्य करे बृज बाला,

छमछम करती ये पायलियां खोले मन के सारे राज,

पढ़ें :- ये चार चीजें आज कर दें बंद, हमेशा स्वस्थ्य और जवान रहेंगे : डॉक्टर डॉ. नरेश त्रेहान

झुला झूल रही सब सखियां, आई हरयाली तीज आज।

2. सावन दिन आ गए

अरी बहना! छाई घटा घनघोर, सावन दिन आ गए।

उमड़-घुमड़ घन गरजते, अरी बहना! ठण्डी-ठण्डी पड़त फुहार,

सावन दिन…

बादल गरजे बिजली चमकती, अरी बहना! बरसत मूसलधार।

पढ़ें :- New Year 2025: नए साल से पहले ही छोड़ दें ये आदतें, करें बेहतर शुरुआत

सावन दिन…

कोयल तो बोले हरियल डार पे, अरी बहना! हंसा तो करत किलोल।

सावन दिन…

वन में पपीहा पिऊ पिऊ रटै, अरी बहना! गौरी तो गावे मल्हार।

सावन दिन…

सखियां तो हिलमिल झूला झूलती, अरी बहना! हमारे पिया परदेस।

सावन दिन…

पढ़ें :- Useful tips: सर्दियों में जैकेट और वुलेन को बिना पानी से धुले ऐसे करें साफ, दूर होगी गंदगी और बद्बू

लिख-लिख पतियां मैं भेजती, अजी राजा सावन की आई बहार।

सावन दिन…

हमरा तो आवन गोरी होय ना, अजी गोरी! हम तो रहे मन मार।

सावन दिन…

राजा बुरी थारी चाकरी,

अजी राजा जोबन के दिन चार

सावन दिन…

3. नांनी नांनी बूंदियां

पढ़ें :- बाथरुम में साफ-सफाई करने के बाद भी आती है बदबू , तो दूर भगाने के लिए ट्राई करें ये देसी जुगाड़

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,

एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,

बाबुल के राज में…

संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,

नांनी नांनी बूंदियां, हे सावन का मेरा झूलणा।

ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,

भैया के राज में..

गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,

नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा…

पढ़ें :- Cycling In Winter : सर्दियों में चुस्त दुरुस्त बने रहने के लिए करें साइकिलिंग , रोमांच और फिट रहने में परफेक्ट

4. अम्मा मेरी रंग भरा जी

अम्मा मेरी रंग भरा जी, ए जी कोई आई हैं हरियाली तीज।

घर-घर झूला झूलें कामिनी जी, बन बन मोर पपीहा बोलता जी।

एजी कोई गावत गीत मल्हार,सावन आया…

कोयल कूकत अम्बुआ की डार पें जी, बादल गरजे, चमके बिजली जी।

एजी कोई उठी है घटा घनघोर, थर-थर हिवड़ा अम्मा मेरी कांपता जी।

5. सावन का महीना

सावन का महीना, झुलावे चित चोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

मनवा घबराये मोरा बहे पूरवैया, झूला डाला है नीचे कदम्ब की छैयां…

कारी अंधियारी घटा है घनघोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

पढ़ें :- Video-नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने स्टेज-4 कैंसर से जीती जंग, डॉक्टर बोले थे बचने की संभावना सिर्फ़ 3 फीसदी, इस डाइट को किया फॉलो

सखियां करे क्या जाने हमको इशारा, मन्द मन्द बहे जल यमुना की धारा…

सावन का महीना झूलावे चित चोर…

श्री राधेजी के आगे चले ना कोई जोर, धीरे झूलो राधे, पवन करे शोर,

मेघवा तो गरजे देखो बोले कोयल कारी, पाछवा में पायल बाजे नाचे बृज की नारी…

श्री राधे परती वारो हिमरवाकी और, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,

सावन का महीना झूलावे चित चोर…

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...