HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक…अखिलेशय यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक…अखिलेशय यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। ​सियासी सरगर्मी के बीच सपा और भाजपा की तरफ से ‘नारे’ भी खूब बन रहे हैं। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताक़तवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमज़ोरी की ही बातें कर रहे हैं।

पढ़ें :- ये संस्थाओं को तो खरीद लेंगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पायेंगे...हेमंत सोरेन का भाजपा पर निशाना

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।

‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताक़तवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमज़ोरी की ही बातें कर रहे हैं। जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है; ‘भय’ नहीं। ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा।

अखिलेश यादव ने आगे लिखा, देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आख़िरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा। देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नज़र और नज़रिये के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा। एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बांहों को भी, इसी में उनकी भलाई है। सकारात्मक समाज कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

पढ़ें :- फरवरी में सरकार बनते ही सबके पानी के मौजूदा बिल माफ कर दूंगा...केजरीवाल का बड़ा दावा
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...