होली के त्योहार को मनाने का अध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ है। सदियों मनाए जाने वाली इस अनोखी परंपरा को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। होली त्योहार के विविध रंग है।
Holika Dahan 2023 : होली के त्योहार को मनाने का अध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ है। सदियों मनाए जाने वाली इस अनोखी परंपरा को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। होली त्योहार के विविध रंग है। इन रंगों में अबीर गुलाल के साथ भाईचारे और पर्यावरण की शुद्धि का भी रंग दिखाई देता है। होलीका त्योहार उस समय मनाया जाता है जब हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि होती है।
इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च की सुबह 9 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च की दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर हो जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन होली मनाते हैं।
होलिका दहन
होली के पर्व में होलिका दहन की परंपरा का पालन किया जाता है। होलिका में सूखी लकड़ियों के साथ कुछ औषधीय वनस्पतियां और अन्य परंपरागत वस्तुएं पड़ती है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कथा ।
अगर आप अपने घर को बुरी नजर और नकारात्मकता से बचाना चाहते हैं तो यानि होलिका दहन के दिन लाल मिर्च का यह उपाय जरूर अपनाएं। इसके लिए सूखी लाल मिर्च, सूखा नारियल और साबुत नमक लेकर आएं। इसके बाद एक नारियल, थोड़ा सा साबुत नमक और 5 लाल मिर्च हाथ में लेकर अपने घर के प्रत्येक सदस्य के सिर से पैर तक 7 बार एंटीक्लॉकवाइज घुमाएं। फिर उसे एक कागज में बांध दें।
अग्नि में डालने के बाद सीधा घर पर आ जाएं और पीछे मुड़कर न देंखे। मान्यता है कि इस उपाय को अपनाने से घर में आने वाली नकारात्मकता दूर होती है और बुरी नजर का प्रभाव समाप्त हो जाता है।