दिल्ली ब्लास्ट केस में लगातार नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अब एक और का बयान सामने आया है। जिन्होने साफ तौर पर कहा कि गिरफ्तार डॉ. शाहीन से मेरा कोई भी ताल्लुकात नहीं है। सहकर्मी के तौर पर सिर्फ दो-तीन बार मुलाकात हुई है। यह महज इत्तेफाक है कि 12 साल पहले शाहीन के गायब होने के समय मैंने भी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज छोड़ दिया था। 2013 के सितंबर में अचानक गायब हुए डॉ. हामिद अंसारी ने यह सफाई पेश की।
दिल्ली ब्लास्ट केस में लगातार नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अब एक और का बयान सामने आया है। जिन्होने साफ तौर पर कहा कि गिरफ्तार डॉ. शाहीन से मेरा कोई भी ताल्लुकात नहीं है। सहकर्मी के तौर पर सिर्फ दो-तीन बार मुलाकात हुई है। यह महज इत्तेफाक है कि 12 साल पहले शाहीन के गायब होने के समय मैंने भी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज छोड़ दिया था। 2013 के सितंबर में अचानक गायब हुए डॉ. हामिद अंसारी ने यह सफाई पेश की। अचानक गायब होने पर उनका दावा है कि इसके मुख्य वजह उनकी आर्थिक तंगी रही। जिसे दूर करने के लिए वह सऊदी के जाज़ान मेडिकल कॉलेज चले गए थे।
एक प्रिंट मीडिया से बातचीत करते हुए कहा एनाटॉमी विभाग में तीन साल तक असिस्टेंट प्रोफेसर रहे डॉ. हामिद अंसारी का दावा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। कॉलेज से अचानक जरूर गए थे लेकिन प्रबंधन को मेडिकल लीव का ई-मेल भी किया था। हालांकि मेडिकल कॉलेज ने लीव स्वीकारी या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
सऊदी में छह गुना सैलरी मिलने पर छोड़ा
जीएसवीएम डॉ. हामिद ने कहा कि मां के कैंसर के लिए और ज्यादा रुपये चाहिए थे। मेडिकल कॉलेज से सिर्फ 40 हजार रुपये ही सैलरी मिलती थी। उस वक्त जालौन, बांदा, इटावा में मेडिकल कॉलेज शुरुआती चरण में था। इसलिए जीएसवीएम से कई डॉ.क्टरों का तबादला हो रहा था। ऐसे में सऊदी के जाजान मेडिकल कॉलेज में उन्हें छह गुना अधिक सैलरी मिल रही थी। इसलिए बगैर इसके बारे में किसी को कुछ बताए वहां जाकर ज्वाइन कर लिया। साथ में पत्नी और दो बच्चे भी सऊदी गए थे।
गायब होने के सात साल बाद थमाया इस्तीफा
वेस्ट बंगाल के आसनसोल निवासी डॉ. हामिद ने वर्ष 2010 से 13 तक तीन साल एनाटॉर्मी विभाग में अध्यापन किया। जीएसवीएम छोड़ने के सात साल बाद 2020 में वह सऊदी से वतन वापसी कर ली। फिर कॉलेज आकर प्रबंधन को इस्तीफा दे दिया। गायब होने की अवधि में उनके आसनसोल स्थित घर के पते पर कॉलेज प्रबंधन ने तीन से चार बार पत्र भेजा, जिसका जवाब हर बार उनकी तरफ से दिया गया। 2021 में शासन ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
डीजीएमई से मिले अनुभव पत्र पर दोबारा ली नौकरी
स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज कानपुर देहात में 2023 दिसंबर से नौकरी कर रहे डॉ. हामिद अंसारी का कहना है कि उनको डीजीएमई से मिले अनुभव पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। सऊदी से लौटने के बाद 2021 में डीजीएमई से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में तीन साल के कार्य का अनुभव पत्र मांगा था। वहां से पत्र मिलने के बाद कानपुर देहात में नौकरी के लिए आवेदन किया। इंटरव्यू में भी टीम को इसके बारे में बताया था। बाद में उन्हें नौकरी मिल गई। डॉ. हामिद का दावा है कि डीजीएमई ने पत्र में उन्हें नौकरी के लिए फिट बता