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आरटीओ, तहसील, थानों और चौकियों में भी हो छापेमारी, बलिया की तरह बेनकाब होंगे कई भ्रष्टाचारी

उत्तर प्रदेश के बलिया में पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली का भांडफोड़ होने के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार की पोल ​खुल गई। बड़ी संख्या में पुलिस​कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गयी है और जिले अधिकारियों पर गाज भी गिरी है। बलिया में खुले इस भ्रष्टाचार की पोल के बाद अब प्रदेश के अन्य थानों-चौकी और तहसील में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी लोग मुखर होकर बोलना शुरू कर दिए हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया में पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली का भांडफोड़ होने के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार की पोल ​खुल गई। बड़ी संख्या में पुलिस​कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गयी है और जिले अधिकारियों पर गाज भी गिरी है। बलिया में खुले इस भ्रष्टाचार की पोल के बाद अब प्रदेश के अन्य थानों-चौकी और तहसील में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी लोग मुखर होकर बोलना शुरू कर दिए हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। अगर प्रदेश के थाने, अरटीओ कार्यालय से लेकर तहसील में बलिया की तरह छापेमारी हो तो बड़ी संख्या में भ्रष्टाचारी बेपर्दा होंगे, जो बिना रुपये लिए ​काम नहीं करते हैं। यही नहीं अगर सरकार प्रदेशभर में इस तरह की कार्रवाई करती है तो लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

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आरटीओ कार्यालय में बिना दलाल नहीं होते काम
प्रदेश के ज्यादातर आरटीओ कार्यालय में बिना दलाल के काम होना अंसभव सा है। यहां पर ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर हर छोटे बड़े काम को कराने के लिए दलाल का सहारा लेना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। यही नहीं यहां पर सुनवाई भी नहीं होती है, जिसके कारण लोग दलाल से काम करवाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। अगर सरकार इस विभाग में छापेमारी करती है तो आम लोगों को राहत मिलेगी और उनके रुपये भी बचेंगे।

तहसीलों में भी हो बलिया जैसी छापेमारी
बलिया में हुई छापेमारी के बाद पुलिसकर्मियों की वसूलीकांड की पोल खुल गई। अगर इसी तहर की छापेमारी तहसीलों में अगर हो तो कई अधिकारी और कर्मचारियों की पोल खुल जाएगी जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। दरअसल, यहां पर आम लोगों को अक्सर काम पड़ता है। यहां पर भी कई ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं जो बिना रुपये लिए काम नहीं करते। अगर यहां भी छापेमारी होती है तो भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों की पोल खुल जाएगी।

थानों और चौकियों में भी हो छापेमारी
बलिया में ट्रैकों से वसूली करने में ​पुलिसकर्मियों के अलावा बड़ी संख्या में दलाल भी पकड़े गए हैं। यहां पर हुई कार्रवाई ने कई बड़े सवाल को जन्म दिया है। कहा जा रहा है कि, प्रदेश के अन्य थाने और चौकियों में छापेमारी होती है तो कई अन्य बातें सामने आएंगी। बलिया की तरह ही कई और भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी।

स्वास्थ्य विभाग में भी फैला है भ्रष्टाचार
यही नहीं स्वास्थ्य विभाग में भी भ्रष्टाचार जमकर फैला हुआ है। यहां पर कंपनियों को काम देने के साथ ही ट्रांसफर पोस्टिंग में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में अगर यहां पर छापेमारी होती है तो कई अधिकारियों की कलई खुल जाएगी।

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संपत्ति की भी हो जांच
अगर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के दावे को सच्च करना है तो भ्रष्टाचारियों की संपत्तियों की भी जांच होनी चाहिए। अगर इनकी संपत्ति की जांच सही से हो तो कई बड़े राज खुलेंगे। सूत्रों की माने तो कई अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार से कमाए गए रुपये के कारण अकूत संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं। इनके पास करोड़ों की जमीने हैं, जो इनके करीबियों के नाम है। अगर ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकार कार्रवाई करती है तो भ्रष्टाचार पर बड़ा अंकुश लगेगा।

 

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