मां बनाने की चाहत हर महिला तो होती है। कुछ महिलाओं को बिना किसी मुश्किल के जल्द ही कंसीव हो जाता है तो कुछ महिलाओं को थोड़ा वक्त लगता है।
मां बनाने की चाहत हर महिला तो होती है। कुछ महिलाओं को बिना किसी मुश्किल के जल्द ही कंसीव हो जाता है तो कुछ महिलाओं को थोड़ा वक्त लगता है।
अगर आप भी मां बनने की प्लानिंग कर रही है तो अपने ओव्यूलेशन पीरियड के बारे में ध्यान देना जरुरी है। ओव्यूलेशन महिलाओं के पीरियड का एक हिस्सा होता है।
जिसमें ओवरी से अंडे के बाहर आने की क्रिया को ओव्यूलेस कहते है। ओवरी में अंडा 12 से 24 घंटों तक फर्टिलाइजेशन के लिए ठहरता है। उसके बाद यह शुक्राणु द्वारा फर्टिलाइज नहीं होता है।
रिप्रोडक्टिव ट्रैक में स्पर्म पांच दिनों तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में इस पीरियड के दौरान संभोग करना इसलिए भी जरुरी होता ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शुक्राणु अंडे को उर्वरक बनाने में सक्षम है या नहीं। महिलाओं में आमतौर पर पीरियड के आठवें दिन और 19 वें दिन के बीच का दिन होता है। जहां आपके पीरियड्स का पहला दिन आपके चक्र का पहला दिन माना जाता है।
महिलाओं में अलग-अलग होता है। पीरियड्स शुरू होने के 10 से 16 दिन पहले ही ओव्यूलेशन शुरू हो जाता है, तो ऐसे में यदि आपका मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है, तो इसे कैलकुलेट करना आसान होता है।
जब आप ओव्यूलेशन प्लानिंग ठीक से करेंगी, तो पार्टनर के साथ सही समय पर शारीरिक संबंध बनाने में गर्भधारण करने की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं।
वहीं अगर ओव्यूलेशन पीरियड के लक्षण के बारे में बात करें तो ओव्यूलेटिंग के कई लक्षण होते हैं जैसे वेजाइनल डिस्चार्ज होता है, शरीर का तापमान, टेंडर ब्रेस्ट, पेट दर्द आदि। फिर भी, एक बहुत ही सामान्य लक्षम ये है कि ओव्यूलेशन के दौरान आपके खाने की प्राथमिकताएं बदलती हैं और ये बदलाव सबसे ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों से संबंधित होती हैं।